इसलिए मनाया जाता है त्योहार रूप चौदस के दिन श्री हनुमान जी की विशेष पूजा करने का भी विधान है, इसी दिन बचपन में हनुमान जी ने सूर्य देव को खाने की वस्तु समझ कर खा लिया था, जिस कारण चारों ओर अंधकार फैल गया, बाद में सूर्य देव को इंद्र देवता ने हनुमान जी के उदर से मुक्त करवाया था । हनुमान जी बाल्यकाल में सूर्य को फल समझकर खाने दौड़े थे। उस समय सूर्य ग्रहण का समय था। रूप चौदस के दिन ही देवताओं ने हनुमान जी को अपनी शक्तियां दी थी। इसलिए रूप चौदस के दिन हनुमान जयंती व्रत भी मनाया जाता है।