ग्राम पंचायत नेताजी का बांरा सरपंच दाखु बाई का आरोप है कि ग्राम पंचायत के हनुमानजी के पास एनिकट मलबा निकालने के कार्य के लिए 8 से 17 अपे्रल तक मस्टरोल संख्या 2171, 2172, 2173, 2174, 2175, 2176 पर 56 श्रमिकों का ग्राम विकास अधिकारी अश्फाक खां की ओर से मर्जी से मस्टररोल जारी हाजरी भरी गई। मस्टरोल पर सरंपच के हस्ताक्षर तक नहीं कराए गए। हकीकत देखें तो एनिकट मलबा निकालने का कार्य, कार्य कोड 27260100/डब्लू सी/1129089 पर 17 अप्रेल तक मस्टरोल संख्या 2171 से 2176 पर कुल 432 मानव दिवस स़जित कर 54 श्रमिकों के खातों में 29 अपे्रल को 57024 रुपए का भुगतान करा दिया। इससे पहले कनिष्ठ तकनीकी सहायक से एमबी भरवाकर इसका भुगतान उठाने में सहयोग किया।
कार्य ही नहीं तो कैसे भरी एमबी
महानरेगा के नियमानुसार मस्टररोल जारी होने पर भुगतान पास करने के लिए सरपंच व सचिव दोनों के हस्ताक्षर होते हैं। इसके बाद कनिष्ठ तकनीकी सहायक साइड का मौका निरीक्षण कर मेजरमेन्ट निकालता है और उसका मापपुस्तिका में अंकन करता है। इसके बाद इसका भुगतान होता है, जबकि उक्त कार्य पर सरपंच का आरोप है कि एक भी दिन श्रमिक नियोजन नहीं हुआ व मस्टररोल भर कर भुगतान उठाया गया।
ग्राम पंचायत में मस्टररोल के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत भी कराया जा चुका है। कायदे से जरूरतमंद को पहले रोजगार मिलना चाहिए। दस्तावेज में श्रमिकों का नियोजन भ्रष्टाचार को जन्म दे रहा है।
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कमर उल जमान चौधरी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, उदयपुर