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कागजों में दिखाए श्रमिक, उठा लिया मनरेगा का भुगतान

locationउदयपुरPublished: May 20, 2019 11:40:03 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

सरपंच की बिना मंजूरी के हुए मस्टररोल पास, ग्राम पंचायत नेताजी का बांरा के हाल. 54 श्रमिक के नाम 432 मानव दिवस सृजित बताकर उठाया 57 हजार रुपए

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कागजों में दिखाए श्रमिक, उठा लिया मनरेगा का भुगतान

उदयपुर/ झाड़ोल. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में फर्जीवाड़े का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। एक के बाद खुल रहे कारनामों के बावजूद प्रशासनिक अमला मौन थामे हुआ है। ऐसा ही एक मामला पंचायत समिति क्षेत्र झाड़ोल की ग्राम पंचायत नेताजी का बांरा में सामने आया है। यहां दस्तावेज में 54 श्रमिक के नाम 432 मानव दिवस सृजित कर 57 हजार रुपए से अधिक का भुगतान उठाने का खुलासा हुआ है। खास बात तो यह रही कि कार्य विशेष को लेकर जारी किए गए मस्टररोल में सरपंच के हस्ताक्षर तक नहीं हैं। कनिष्ठ तकनीकी सहायक की ओर से माप पुस्तिका में कार्य का नाम दिखाकर भुगतान उठाया गया। गंभीर बात तो यह भी है कि बताए गए कार्य स्थल पर व्यवस्था से जुड़ा एक भी काम नहीं हुआ है। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका नियमित खबरों के माध्यम से पहले ही ऑनलाइन श्रमिकों की उपस्थिति, नियोजन व कार्य स्थल पर अनुपस्थिति को लेकर खामियों को उजागर किया है। पत्रिका की ओर से उठाए गए मुद्दों पर जिला परिषद प्रशासन ने आकस्मिक कार्रवाई करते हुए सत्यता को उजागर भी किया है।
सचिव ने की मनमानी
ग्राम पंचायत नेताजी का बांरा सरपंच दाखु बाई का आरोप है कि ग्राम पंचायत के हनुमानजी के पास एनिकट मलबा निकालने के कार्य के लिए 8 से 17 अपे्रल तक मस्टरोल संख्या 2171, 2172, 2173, 2174, 2175, 2176 पर 56 श्रमिकों का ग्राम विकास अधिकारी अश्फाक खां की ओर से मर्जी से मस्टररोल जारी हाजरी भरी गई। मस्टरोल पर सरंपच के हस्ताक्षर तक नहीं कराए गए। हकीकत देखें तो एनिकट मलबा निकालने का कार्य, कार्य कोड 27260100/डब्लू सी/1129089 पर 17 अप्रेल तक मस्टरोल संख्या 2171 से 2176 पर कुल 432 मानव दिवस स़जित कर 54 श्रमिकों के खातों में 29 अपे्रल को 57024 रुपए का भुगतान करा दिया। इससे पहले कनिष्ठ तकनीकी सहायक से एमबी भरवाकर इसका भुगतान उठाने में सहयोग किया।
कार्य ही नहीं तो कैसे भरी एमबी
महानरेगा के नियमानुसार मस्टररोल जारी होने पर भुगतान पास करने के लिए सरपंच व सचिव दोनों के हस्ताक्षर होते हैं। इसके बाद कनिष्ठ तकनीकी सहायक साइड का मौका निरीक्षण कर मेजरमेन्ट निकालता है और उसका मापपुस्तिका में अंकन करता है। इसके बाद इसका भुगतान होता है, जबकि उक्त कार्य पर सरपंच का आरोप है कि एक भी दिन श्रमिक नियोजन नहीं हुआ व मस्टररोल भर कर भुगतान उठाया गया।

ग्राम पंचायत में मस्टररोल के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत भी कराया जा चुका है। कायदे से जरूरतमंद को पहले रोजगार मिलना चाहिए। दस्तावेज में श्रमिकों का नियोजन भ्रष्टाचार को जन्म दे रहा है।
दाखु बाई, सरपंच, नेताजी का बांरा
ग्राम पंचायत नेताजी का बांरा में बिना कार्य हुए मस्टररोल भरने की जांच करा लेते हैं। शिकायत की पुष्टि होने पर कार्रवाई तय की जाएगी।
कमर उल जमान चौधरी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, उदयपुर
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