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इंटरनेशनल आर्टिस्ट डे स्पेशल : अपने हुनर से बढ़ा रहे मेवाड़ का मान, देखेें video

locationउदयपुरPublished: Oct 26, 2018 04:42:24 pm

Submitted by:

madhulika singh

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world artist day

इंटरनेशनल आर्टिस्ट डे स्पेशल : अपने हुनर से बढ़ा रहे मेवाड़ का मान

राकेश शर्मा राजदीपउदयपुर. देश-दुनिया में अपनी झीलों और विस्तृत फैली अरावली उपत्यकाओं के लिए ख्यात यह शहर अपने स्थापना काल सेही नगर नियोजन, वाटिका विकास, जल स्त्रोतों के निरूपण, प्रासाद स्थापत्य और उनकी सजावट, मूर्तिशिल्प, चित्रकारी तथा रंजन के लिए संगीत व सृजन की पृष्ठभूमि के साथ विकसित रहा। समय के साथ-साथ यहां कला के अनेक पक्षों का पल्लवन होता रहा। जिनमें चित्रण, मंचन, लेखन, नर्तन, तक्षण और गायन-वादन जैसी अनेक विधाएं घरों से महलों तथा आंगन से शिखर तक कुछ इस कदर पोषित रहीं कि उनसे इनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली।
गौरतलब है कि मेवाड़ी कला और कलाकारों की लंबी फेहरिस्त में हवेली, मंदिर, महलों नक्कारखानों से लेकर गांव-गांव कमठाणे चलाने वाले हिंदू-मुस्लिम कलाकारों तथा रंगाई-छपाई और शोरगर कलाकारों की पीढि़यों ने इस शहर को नई ऊंचाइयां प्रदान की। इसी तरह, रियासत कालीन चित्रकारों में साहबदीन से लेकर पन्नालाल-शिवलाल जैसे पारंगत कलामर्मज्ञों ने अनेक ग्रंथों के अलावा भित्ति चित्रण कला से मेवाड़ कलम को एक नई पहचान दिलाई।
वहीं, महाराणा कुंभा के संगीतराज से लेकर अष्टछाप सखाओं के हवेली संगीत और घ्रुपद संगीत से इस घराने को विश्वव्यापी पहचान मिली। यही नहीं, शिल्पकला में सूत्रधार मंडन के ग्रंथों का अनुसरण और मेवाड़ी जलस्त्रोतों के निर्माण से लेकर जल संचयन की परम्परा का लोहा तो पूरी दुनिया ने माना। विश्व कलाकार दिवस पर प्रस्तुत है विभिन्न कलाओं से जुड़ी खास शख्सियतों पर एक रिपोर्ट:
यों तो कला के तमाम विधाओं में बेशुमार लोगों ने इस शहर का प्रतिनिधित्व करते हुए अपना अमूल्य योगदान दिया। यहां इन क्षेत्रों से संबद्ध लोगों और उपलब्ध जानकारियों पर आधारित पड़ताल दी जा रही है। बहुत चाहकर भी स्थानाभाव में सबके नाम और योगदान का उल्लेख संभव नहीं हो पाएगा।
लेखन : कवि श्यामलदास, वृद्धिशंकर शिल्पी, जनार्दनराय नागर, नंद चतुर्वेदी, अक्षय कीर्ति व्यास, भगवतिलाल व्यास, डॉ.महेन्द्र भानावत, डॉ.श्रीकृष्ण ‘जुगनूÓ किशन दाधीच, रजनी कुलश्रेष्ठ आदि। इनमें कला समीक्षक के रूप में अंबालाल दमामी और विष्णु माली उल्लेखनीय हैं।
शायर-गीतकार-गजलकार : अख्तर अली बोहरा, आबिद अदीब, खलिल तनवीर, शाहिद अजीज, घनश्याम सुखवाल, डॉ. प्रेम भंडारी, अफसर अली, डॉ. देवेन्द्र हिरण, रशीद खान व डॉ. पामिल मोदी।

पेंटिंग : बीजी शर्मा, पीएन चोयल, रेवाशंकर शर्मा, प्रो.सुरेश शर्मा, शैल चोयल, अब्बास बाटलीवाला, ओम बिजौलिया, युगल शर्मा, ललित शर्मा, अनुराग मेहता, शाहिद परवेज, हेमंत द्विवेदी, मयंक शर्मा, बसंत कश्यप, निर्मल यादव, देवेन्द्र शर्मा, कमल शर्मा, निर्मल प्रजापत, चिमन डांगी, ललित-राजेश सोनी, हेमंत सेठ, कपिल शर्मा, आकाश चोयल, किरण मुर्डिया, डॉ.मीना बया, सुरजीत चोयल, शर्मिला राठौड़, डिंपल चंडात, ज्योतिका राठौड़, अदिति बाबेल, अमिता व्यास जैसे कलाकारों ने लघु चित्रण से लेकर समसामयिक कला के विभिन्न आयामों जैसे ग्राफिक आर्ट, सेरेग्राफी, एचिंग, वुडकट, लिथो-लिनो, इंस्टालेशन, थ्री-डी आर्ट, मिक्स मीडिया और मल्टीमीडिया ने नाम कमाया।
इसी श्रेणी में भित्ति चित्रण (चित्राम) कला में बसंतीलाल पालीवाल, खुदाबक्श, बालमुकुंद उपाध्याय, अमृतलाल लुहार, विष्णु-मोहन कुमावत, लोकेश नारायण शर्मा और तुलसीराम पालीवाल प्रमुख हैं।

स्कल्पचर : ज्ञानसिंह, भूपेश कावडि़या, दिनेश उपाध्याय, हेमंत जोशी और रोकेश कुमार सिंह।
थिएटर : रिजवान जहीर उस्मान, डॉ. कय्यूम अली बोहरा, मंगल सक्सेना, अशोक बांठिया, भानु भारती, विलास जानवे, ज्यातिपुंज पंड्या, शैलेन्द्र शर्मा, महेश आमेटा, प्रबुद्ध पांडे, दीपक दीक्षित, दीपक जोशी, डॉ. लईक हुसैन, शिवराज सोनवाल, कविराज लईक, कुलदीप चतुर्वेदी, किरण जानवे, अनुकंपा लईक, रेखा सिसोदिया, अशफाक नूर पठान, अब्दुल मुबिन खान, मनीष शर्मा व अमित श्रीमाली।
शास्त्रीय गायन : फरीदुद्दीन डागर, देवदत्त नागमूर्ति, कृष्णकुमार देहलवी, पं. दयानंद देवगंधर्व, चेतना बनावत और समर्थ जानवे। इंस्ट्रूमेंट : पं. रामनारायण, पं. चतरलाल, हफीज खान, जिया मोइनुद्दीन डागर, पुरुषोत्तमदास पखावजी, इंद्रलाल, अजीज खान, नरेश वैय्यर, शारिक परवेज, जगदीश वर्मा और डॉ. राजशेखर व्यास।
लोकगीत-लोकनृत्य : मांगीदेवी आर्य, सरस्वती देवी धांधड़ा, चंद्र गंधर्व, देवीलाल सामर, पं.बद्री प्रसाद, तनयराज सोढ़ा, शकुन्तला पंवार, दयाराम, कृष्णमूर्ति और राजमणि।

फोटोग्राफी व सिनेमाटोग्राफी : चिरंजीलाल-भगवतिलाल श्रीमाली, रामदास-राधेश्याम-ओमप्रकाश व हरीश बिलोची, रमेश खतूरिया, लीलाराम माखीजा, गोपालसिंह-छोटूसिंह चौहान, मोहम्मद फुरकान खान, दिनेश पगारिया व रिदम जानवे। इसी विधा में ब्लेक एंड व्हाइट से फोटो कलर और टचिंग-फिनिशिंग आर्टिस्ट रहे बंशीलाल सोनी, भगवतीलाल वशिष्ठ, मोहनलाल शर्मा व गोपाल शर्मा ने प्रतिभा छाप छोड़ी।
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