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WORLD BOOK DAY: करवट बदल रही किताबों की दुनिया, सुकून देने वाली हैं ये कुछ सच्चाइयां

locationउदयपुरPublished: Apr 24, 2018 04:18:13 pm

Submitted by:

madhulika singh

उदयपुर – तकनीक में बदलाव एवं सोशल मीडिया के व्यापक प्रचार-प्रसार के बाद साल-दर-साल छपी हुई किताबों का महत्व घटता जा रहा है।

WORLD BOOK DAY 2018 some truth and fact udaipur
राकेश शर्मा ‘राजदीप’ / उदयपुर – देश-दुनिया में 23 अप्रेल को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है, लेकिन तकनीक में बदलाव एवं सोशल मीडिया के व्यापक प्रचार-प्रसार के बाद साल-दर-साल छपी हुई किताबों का महत्व घटता जा रहा है। तेजी से इनका स्थान ई-बुक्स लेने लगी हैं। दूसरी ओर, कागज की कीमतों में बढ़ोतरी एवं कागज को लेकर गहराते संकट से प्रिंटेड बुक्स का अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं।

अब भी कुछ लोग समय काटने के लिए पुस्तकें पढ़ते हैं तो कई ज्ञानार्जन के लिए। पहली श्रेणी के लोगों का बुनियादी काम पढऩा नहीं बल्कि समय काटना है। लिहाजा, उनसे यह उम्मीद बेमानी है कि वे पढऩे का सुख संजोने के लिए किताबों के साथ रहते हैं। ऐसे में दूसरी श्रेणी के लोग इसलिए श्रेयस्कर हैं कि समय कम या न होने की दशा में भी वे न केवल किताबों से नाता जोड़े हुए हैं वरन् वैचारिक सम्पन्नता और व्यक्तित्व विकास सत्यापन के गूढ़ मंतव्य से पुस्तकों का अध्ययन करते हैं।
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सुकून देता है ये सच
आंकड़ों की बात करें तो वर्तमान में एक औसत भारतीय अन्य देशों के नागरिकों की तुलना में कमोबेश ज्यादा पुस्तकें पढ़ता है। साल 2009 में हुए एक सर्वे के मुताबिक खाली समय में ज्यादातर लोग किताबें पढऩा पसंद करते हैं। साइबर जमाने में भी किताबों के जरिए पढऩे के सुख की प्राप्ति एक सांस्कृतिक जीत मानी जा सकती है। हालांकि, तकनीक के प्रति युवाओं के बढ़ते रुझान से धीरे-धीरे यहां भी इसमें गिरावट नजर आने लगी है।

क्या पढऩा पसंद करते हैं लोग
साल 2017 में अमेजन इंडिया द्वारा वार्षिक रूप से किए जाने वाले रीडिंग सर्वे में बेंगलुरू को भारत में सबसे ज्यादा पढऩे वाला शहर माना गया। इसके बाद महानगर मुंबई और दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पढ़ी जाने वाली किताबों को सबसे ज्यादा पढ़ा गया था। वहीं साहित्य, फिक्शन, व्यक्तित्व विकास और रोमांस संबंधी किताबें भी प्रमुखता से पढ़ी गईं। इसी तरह, उत्तर-पूर्वी राज्यों जैसे नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम के युवा अन्य राज्यों की तुलना में किताबें पढऩे में अव्वल देखे गए।
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