लॉकडाउन के कारण किताबों से जुड़ा फिर वही रिश्ता, कहीं पुराने, कहीं नए अंदाज में
विश्व पुस्तक दिवस विशेष, किताबों के प्रति प्रेम एक बार फिर से जाग चुका है

‘किताबें झांकती हैं बंद अलमारी के शीशों से,
बड़ी हसरत से तकती हैं,
महीनों अब मुलाकातें नहीं होती,
जो शामें इनकी सोहबतों में कटा करती थीं,
अब अक्सर गुजऱ जाती हैं कम्प्यूटर के पर्दों पर,
बड़ी बेचैन रहती हैं किताबें...,
इन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई हैं,
बड़ी हसरत से तकती हैं....।
उदयपुर. शायर गुलजार ने किताबों का जिंदगी से खूबसूरत रिश्ता इस नज्म में बताया है। भागदौड़ भरी जिंदगी में किताबें आलमारियों में ही कैद होकर रह गई थी। हमने लाइफस्टाइल इतनी बिजी कर ली थी कि किताब हाथ में लेने की तो फुर्सत ही नहीं क्योंकि मोबाइल हाथ से छूटता ही नहीं था। लेकिन, लॉकडाउन का समय गुजारने के लिए लोग अब फिर से किताबें हाथों में थामने लगे हैं। अपनी पसंद की पुस्तकें और लेखकों को पढ़ रहे हैं तो कई उनके ऑडियो वर्जन और ई-बुक्स को पढ़ रहे हैं। तरीके भले ही अलग-अलग हो गए हों, लेकिन किताबों के प्रति प्रेम एक बार फिर से जाग चुका है। विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर आपको बता रहे हैं कि किस तरह से अब लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन रही हैं पुस्तकें-
आलमारियों से निकलीं किताबें
लॉकडाउन में जहां रामायण-महाभारत लोगों को एंटरटेन कर रही है वहीं, किताबों के शौकीन पढऩे में जुटे हैं। कई लोग अपने घर की लाइब्रेरी में रखी किताबें पढ़ रहे हैं तो कुछ ई-बुक्स और बुक्स की पीडीएफ डाउनलोड कर पढ़ रहे हैं। किताबों के शौकीन विवेक और विशाल बताते हैं कि रुटीन लाइफ और जॉब के कारण पढऩे का टाइम ही नहीं मिलता था, लेकिन अब फिर से किताबों पर पड़ी धूल झाडकऱ आलमारियों से निकाल ली है। एक तरह से फिर से फुर्सत में बैठकर किताबें पढऩे लगे हैं, जो कि वे भूल ही चुके थे।

पॉडकास्ट बुक्स में बढ़ रही दिलचस्पी - अब बुक्स केवल पढऩे का ही माध्यम नहीं बल्कि सुनने का माध्यम भी बन गई है। किताबों के पॉडकास्ट वर्जन आने लगे हैं। इनमें कई लेखक खुद अपनी आवाज में अपनी किताबें और कहानियां पढकऱ सुनाते हैं। जिसे आजकल कई लोग सुनना पसंद कर रहे हैं। वहीं, इस माध्यम से बड़े-बड़े लेखकों की किताबों को भी एक नया मंच और आवाज मिल रही है। युवा लेखिका ज्योति जैन ने बताया कि उसे राइटिंग का शौक है और वे अक्सर बुक्स पढ़ती रहती हैं। लेकिन, पॉडकास्ट बुक्स को सुनने में बहुत मजा आता है और फिर जब वह बुक ऑथर की ही आवाज में हो तो मजा दोगुना हो जाता है।
एप्स पर पढ़़ें बुक्स - डिजिटल युग में इन दिनों एप्स भी बुक्स पढऩे का जरिया बन चुके हैं। पॉपुलर एप्स में से एक है जगरनॉट बुक्स एप। इस एप में ई-बुक्स मौजूद हैं। इसमें हर कैटेगरी की बुक्स शामिल हैं, जैसे साहित्य, बिजनेस, रोमांस, हिस्ट्री, फिटनेस, डायट, क्लासिक, आध्यात्म आदि। इसे एंड्रॉइड और आईओएस पर इस्तेमाल किया जा सकता है। एप्स पर बुक्स पढऩे की शौकीन विद्या ने बताया कि एप्स पर कई तरह की बुक्स होती हैं जो आप पसंद के अनुसार पढ़ सकते हैं।
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