2 साल में विद्यालय को किया चमन, लॉकडाउन में भी हर दिन की पेड़-पौधों की देखभाल ये जब प्रधानाचार्य बन कर पहली बार विद्यालय पहुंचे तो यहां पूरी तरह उजाड़ था। ना तो यहां एक पौधा ही था और ना ही कोई पानी की व्यवस्था जिससे हरियाली करने की बात सोची जा सके। लेकिन, इन्होंने अपने प्रयासों से आज इस विद्यालय को चमन कर दिया है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुर फलाया, गिर्वा ब्लॉक के प्रधानाचार्य भैरूलाल कलाल ने बताया कि जिस विद्यालय की स्थिति सूखे से कम नहीं थी, वहां आज 200 से अधिक पेड़-पौधे व हरा भरा गार्डन है। पेड़ पौधों में नीम, केला, पीपल, शीशम, ओलोस्टोलिया व अन्य प्रजातियों के कई पौधे हैं। आयुर्वेदिक में तुलसी, गिलॉय, एलोविरा, ढाक, मीठा नीम , सेजल जैसे पेड़-पौधे हैं। स्कूल में दो बोरिंग है पर पानी कम होने से अब तक खुद के पैसों से पानी के टैंकर डलवाए। लॉकडाउन के दौरान जब स्कूल बंद रहे तब एक भी दिन ऐसा नहीं गया जब स्कूल जाकर पेड़-पौधों की देखभाल ना की हो। अब उसी का नतीजा है कि इस स्कूल की सराहना हर कोई करता है। वे विद्यार्थियों और ग्रामीणों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करते हैं।