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2 साल में शि‍क्षक ने बदली स्‍कूल की तस्‍वीर, सैकड़ों पेड़़-पौधाें से महक रहा श‍िक्षा का मंदिर

locationउदयपुरPublished: Jun 05, 2021 01:11:18 pm

Submitted by:

madhulika singh

राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुर फलाया, गिर्वा ब्लॉक के प्रधानाचार्य भैरूलाल कलाल ने बताया कि जिस विद्यालय की स्थिति सूखे से कम नहीं थी, वहां आज 200 से अधिक पेड़-पौधे व हरा भरा गार्डन है।

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उदयपुर. दस कुएं के बराबर होती है एक बावड़ी, दस बावड़ी के बराबर होता है एक सरोवर और दस सरोवर के समान एक पुत्र होता है और दस पुत्रों के समान एक वृक्ष होता है। पर्यावरण के संतुलन में वृक्षों का महान योगदान है और इसी योगदान के बारे में ये बात मत्स्य पुराण में कही गई है। ये बात आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी की पहले थी। कोरोना महामारी के इस दौर में पर्यावरण संरक्षण का महत्व प्रकृति ने सभी को स्वत: ही समझा दिया है। जिन सांसों को हम ऑक्सीजन सिलेंडर के रूप में प्रकृति से ही उधार ले रहे हैं, उन सांसों को बचाने के लिए अब भी इस पर्यावरण को संरक्षित नहीं किया गया तो फिर इन सांसों को प्राणवायु कोई नहीं दे पाएगा। इसलिए जरूरी है कि हम जहां हैं उसी जगह को पर्यावरण के अनुकूल बना दें। कुछ यही प्रयास किया है शहर के एक शिक्षक ने…।
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2 साल में विद्यालय को किया चमन, लॉकडाउन में भी हर दिन की पेड़-पौधों की देखभाल

ये जब प्रधानाचार्य बन कर पहली बार विद्यालय पहुंचे तो यहां पूरी तरह उजाड़ था। ना तो यहां एक पौधा ही था और ना ही कोई पानी की व्यवस्था जिससे हरियाली करने की बात सोची जा सके। लेकिन, इन्होंने अपने प्रयासों से आज इस विद्यालय को चमन कर दिया है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुर फलाया, गिर्वा ब्लॉक के प्रधानाचार्य भैरूलाल कलाल ने बताया कि जिस विद्यालय की स्थिति सूखे से कम नहीं थी, वहां आज 200 से अधिक पेड़-पौधे व हरा भरा गार्डन है। पेड़ पौधों में नीम, केला, पीपल, शीशम, ओलोस्टोलिया व अन्य प्रजातियों के कई पौधे हैं। आयुर्वेदिक में तुलसी, गिलॉय, एलोविरा, ढाक, मीठा नीम , सेजल जैसे पेड़-पौधे हैं। स्कूल में दो बोरिंग है पर पानी कम होने से अब तक खुद के पैसों से पानी के टैंकर डलवाए। लॉकडाउन के दौरान जब स्कूल बंद रहे तब एक भी दिन ऐसा नहीं गया जब स्कूल जाकर पेड़-पौधों की देखभाल ना की हो। अब उसी का नतीजा है कि इस स्कूल की सराहना हर कोई करता है। वे विद्यार्थियों और ग्रामीणों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करते हैं।
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