ग्रामीणोंं ने आंगनवाड़़ी़ केंद्र पर उपस्थित कार्यकर्ता को पूछा तो उन्होंंने कहा कि हमारे सारा सामान बाहर से ही आता है। हम क्या करेंं और पोषाहार मेंं चने तो पूरे तरह से पाउडर जैैसे हो गए। ग्रामीण आंगनवाड़ी में अपने बच्चोंं को भेजते हैं लेकिन उनको यह नहींं मालूम कि उनके बच्चे वहांं पर क्या खा रहे हैैं। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहींं देते हैंं जिस कारण आंगनवाड़़ी़ बच्चोंं को इस तरह का खाना खाना पड़़ रहा है । अब विभाग सवालोंं के घेरे मेंं है कि विभाग ऐसी घटिया पाेेषाहार की सामग्री कहांं से मंगवा रहा है। जानकारी मेंं आया कि यह सारा माल स्वयंं सहायता समूह से आता है । ऐसा पोषाहार खाने से फूूड पाॅॅॅइजनिंंग हो सकती है।सारे बच्चे बीमार हो सकते हैं। दूसरी ओर सरकार ने एक सितम्बर से आंगनवाड़़ी में बच्चोंं के लिए दूध भी शुरू कर दिया है। अब पोषाहार भी इतना घटिया आ रहा है तो दूध मेंं घटिया वाला दूध भी दे सकते हैंं, यह सवाल भी उठ रहा है ।
READ MORE : रिश्वत का आरोपी रिटायर्ड जिला आबकारी अधिकारी गिरफ्तार, दो वर्ष पहले शराब की दुकानों से मंथली बंधी लेते पकड़ा था एसीबी ने इनका कहना.. मुझे इस बारे मेंं जानकारी नहींं है,जानकारी भी आपके द्वारा मिली है । ऐसा घटिया वाला माल आ रहा हैै तो आंगनवाड़़ी कार्यकर्ता को मुझे बताना चाहिए था आज ही जहांं से माल आ रहा है पता करके बंद करवाती हूूं और कार्यवाही करती हूं।
– पुष्पा दशोरा ,सीडीपीओ, भींडर