पक्षी मित्र दर्शन मेनारिया ने बताया कि महाराष्ट्र का राजकीय पक्षी हरियल को यैलो फुटेड ग्रीन पीजन के नाम से जाना जाता है। इसका शरीर चमकीला पीलापन लिए हरे और धूसर रंग का होता है। नर का रंग मादा के मुकाबले ज्यादा चमकीला होता है। समूह में रहना पसंद करता है। घने पत्तों वाले पेड़ पर आवास करता है। फल खाते समय यह कलाबाजी करता है।
खासियत
पक्षीविद विनय दवे ने बताया कि पीले पांव के कारण इसे येलो फुटेड पीजन कहते हैं। शर्मिला और डरपोक किस्म का होता है। अधिकतर हरे पत्तों में छुपा रहता है। इस लिए आसानी से नहीं दिखाई देता। इसका शर्मिला स्वभाव होना इसकी मुसीबत का कारण बन गया है। अधिक शिकार के कारण इसकी संख्या तेजी से कम हो रही है। शिकारी की आहट होने पर चोंच में तिनका लेकर जमीन पर गिर मरने का नाटक करता है। जैसे ही शिकारी का ध्यान हटता है उड़ जाता है।