गांव की सुरक्षा के लिए युवा बने चौकीदार, मध्य रात्रि में कर रहे गश्त
उदयपुरPublished: Nov 16, 2021 05:20:40 pm
संदिग्धों से पूरी पूछताछ, साथ ही कोई पहचान पत्र भी देखते हैं
गांव की सुरक्षा के लिए युवा बने चौकीदार, मध्य रात्रि में कर रहे गश्त
मेनार (उदयपुर). कस्बे में गत रात्रि को सूने मकानों और मवेशी बाड़ों में चोरी की वारदात के बाद स्थानीय युवाओं ने अपने अपने मोहल्ले में रात्रि में गश्त लगाकर चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने और सुरक्षा करने का जिम्मा उठाया है। मेनार के युवाओं ने रात्रि में गश्त शुरू कर अपने गांव की सुरक्षा शुरू की है। मातेश्वरी नवयुवक मंडल ग्रुप के माध्यम से युवाओं ने सुरक्षा को लेकर अलग अलग सदस्यों की टीम नियुक्त की है जो बारी-बारी से गांव के विभिन्न क्षेत्रों में रोजाना मध्य रात्रि से अलुसुबह तक नियमित गश्त करती है। अक्सर देखा जाता है कि चोरी के साथ ही अन्य घटनाओं की रोकथाम के लिए पुलिस को बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
एक साथ दर्जनों गांवों में गश्त मुश्किल होती है ऐसे में कई गांवों में युवा ग्रामीण अपने स्तर पर गश्त लगा रहे हैं। मेनार कस्बे में पिपली चौक और थम्भ चौक से गश्त की शुरुआत हुई हैं। वहीं जो युवा एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं वे भी रात्रि में 2-3 बार मुख्य रास्तों को चेक कर रहे हैं। इधर दिन में रेकी करने आने वाले संदिग्धों से भी पूछताछ कर रहे हैं। दिन के समय भी युवा और ग्रामीण ऐसे फेरी वाले जो कभी यहां दिखे नहीं उनसे भी पूछताछ कर आईडी प्रूफ चैक कर रहे हैं।
हर परिवार की बारी
मोहल्ला वाइज गश्त की हर घर के सदस्यों की जिम्मेदारी है। हर परिवार बारी बारी से गश्त के लिए सदस्य भेजता है । जिन लोगों का नम्बर गश्त के लिये आता है उन्हें समय समय पर लोकेशन के साथ फ़ोटो अपलोड करते रहने को कहा जाता है। गश्त के दौरान गांव से गुजरने वाले हर आदमी से पूछताछ करते हैं। वहीं रात्रि में रुककर संदिग्ध वाहनों एवं लोगों की आवाजाही की जानकारी लेते हैं। युवा साथी खेरोदा पुलिस थाना ग्रुप से भी जुड़े हुए हैं ऐसे में संदिग्ध होने पर वे पुलिस को जानकारी देते हैं।
सीसीटीवी फुटेज में सामने आए चोर
वल्लभनगर उपखण्ड में विगत दिनों हुई चोरी के मामलों में सामने आए सीसीटीवी फुटेज में चोरी करने वाले स्पोर्ट्स बाइक के साथ नजर आए हैं। सभी युवा हैं, इनके हाथों में धारदार हथियार भी नजर आ रहे हैं। वीडियो फुटेज में इनके चलने की स्टाइल और गलियों में घूमना बेफिक्र सा लग रहा है, जैसे इन्होंने इन मोहल्लों की पहले से रेकी की हो।