यह जानकारी पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. लक्ष्मणलाल राठौड़ ने उदयपुर ग्राम 2017 के आयोजन को सफल बनाने के लिए मनोनित किये गये अधिकारियों/कर्मचारी की बैठक मे दी। डॉ. राठौड़ ने कहा कि ग्राम उदयपुर 2017 में विभाग की ओर से उत्कृष्ट पशुओं की प्रदर्शनी लगेगी। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर आने वाले पशुपालकों को विभागीय कार्यक्रम, योजनाओ एवं नस्लों की विस्तृत देते हुए अच्छे पशुपालन के लिए प्रेरित करेें। डॉ राठौड़ ने बताया कि कार्यक्रम का सफल बनाने के लिए विभिन्न कमेटियों का गठन किया गया है, उन्होने समस्त कमेटियों, अध्यक्ष एवं सदस्यो को निर्देश कि वे अपने दायित्वो एवं कर्तव्यों का निर्वाह करें इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पशु एवं पशुपालको को किसी भी प्रकार की समस्या न आये। इसके लिए शिविर स्थल पर 24 घन्टे पशु चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। पशुपालन विभाग निदेशालय जयपुर से आये उपनिदेशक प्रचार प्रसार डॉ. जे.एस.सहगल ने ग्राम 2017 की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पशुपालन विभाग की मुख्य थीम “आदिवासी पशुपालकों की कैसे हो आय दुगुनी 2022 तक“ है। इसके लिए शिविर में नवाचार, नवीनतम तकनीकी एवं यहा उपलब्ध संसाधनो का समुचित उपयोग कर आय दुगुनी करने की विशेष जानकारी दी जाएगी। बैठक में उदयपुर संभाग के 150 अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।
READ MORE: video : यहां गायों के साथ खेलते हैं ये मजेदार खेल, बछड़़े़े गोद में उठाए भागते हैं ग्वाले, पीछे-पीछे दौड़ती हैं गायें ये है खासियत हरियाणा का यह भैंसा शायद दुनिया का सबसे महंगा भैंसा है। इसकी कीमत करोड़़ा़ेें में है। साल भर में इसका वीर्य बेचकर ही करीब 80 लाख से एक करोड़ रुपये तक की कमाई हो जाती है। ऐसे में यह भैंसा अपने मालिक के लिए पैसे बनाने की मशीन जैसा है। करीब 6.5 फीट लंबा और करीब 1,600 किलोग्राम वजनी युवराज ‘मुर्रा’ नस्ल का भैंसा है। यह एक बार में करीब पांच मिलीलीटर वीर्य उत्पन्न करता है और इसका 0.25 मिलीलीटर वीर्य करीब 1,000 रुपये में बिकता है। भैंसे के स्पर्म की मांग हरियाणा के अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित कई राज्यों में है।