—— ये है पत्र में उल्लेख – आरएनटी की ओर से जिला कलक्टर को लिखे गए पत्र में उल्लेख है कि वर्ष 2016-17 में इस मेडिकल कॉलेज में यूजी सीट्स 150 से बढ़कर 250 की गई थी। बढ़ाई गई सीट्स को लेकर कॉलेज परिसर में अपर्याप्त स्थान के कारण निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा। 3 मई 2016 को जिला कलक्टर के लिखे गए पत्र के आधार पर विशिष्ट शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा ने 6 जून 2016 से आरएनटी मेडिकल कॉलेज से सटे हुए पशुपालन विभाग के परिसर मय भवन को मेडिकल कॉलेज को स्थानान्तरित करने की स्वीकृति दी गई है। – इससे पूर्व शासन उप सचिव चिकित्सा शिक्षा ने 26 मार्च 2012 को भी कलक्टर को पत्र लिखकर ये भवन नि:शुल्क आरएनटी मेडिकल कॉलेज को देने का उल्लेख किया था, जो अब तक नहीं हो पाया है।
– —— बड़ी स्थित परिसर देने मे जताई सहमति आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि जल्द से उन्हें ये भवन व परिसर उपलब्ध करवाएं। इसकी एवज में कॉलेज प्रशासन ने बड़ी स्थित आरएनटी का भवन व परिसर समान परिमाप का देने में सहमति जताई है।
—— जिला प्रशासन ने पूछी कार्ययोजना जिला प्रशासन ने नगर विकास न्यास के सचिव को पत्र लिखकर पशु चिकित्सालय संचालन की कार्ययोजना की जानकारी चाही है। एडीएम संजयकुमार ने 4 नवम्बर को पूछा है कि आरएनटी कॉलेज ने इस भवन व परिसर की मांग की है कि ऐसे में पशु चिकित्सालय संचालन की क्या कार्ययोजना है।
—– हां जगह कम पडऩे की स्थिति में मुख्यमंत्री ने ये पशु चिकित्सालय का परिसर मय भवन आरएनटी मेडिकल कॉलेज को देने के लिए वर्ष 2016-17 में बजट घोषणा में लिखा है। ऐसे में हमने अपनी मांग जिला प्रशासन के समक्ष रखी है। डॉ लाखन पोसवाल, प्राचार्य आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर
—- मुझे इसकी जानकारी नहीं है। हम कैसे किसी परिसर को दे सकते हैं। ये उच्चाधिकारियों का काम है, इस स्तर का निर्णय हमारे यहां से नहीं हो सकता। पता करेंगे कि आखिर बात क्या है।
डॉ बिलाल अहमद, संयुक्त निदेशक ,पशुपालन विभाग —- हां न्यास को पत्र लिखा गया है, लेकिन अभी तक वहां से कोई जवाब नहीं आया है, जब तक जवाब नहीं आता है, तब तक इस पर कुछ कहना मुश्किल है। वहां से जवाब आने के आगे का कदम उठाएंगे।
संजय कुमार, अतिरिक्त कलक्टर शहर उदयपुर