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10 टूटे घर फिर से जुड़ गए

locationउज्जैनPublished: Dec 15, 2019 09:42:19 pm

Submitted by:

Mukesh Malavat

नेशनल लोक अदालत: अलग रह रहे 10 दंपती फिर हुए एक

10 broken homes reunited

नेशनल लोक अदालत: अलग रह रहे 10 दंपती फिर हुए एक

उज्जैन. जिला एवं सत्र न्यायालय नवीन न्याय भवन में शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में 10 दंपती के बीच रिश्तों में आई खटास दूर हुई। न्यायालय में कुटुंब न्यायालय के अंतर्गत आने वाले पारिवारिक मामलों का निराकरण भी हुआ। इसके अलावा प्रिलिटिगेशन और प्रिबार्गेनिंग के केस बड़े पैमाने पर पहुंचे थे, जिनका निराकरण लोक अदालत में किया गया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसकेपी कुलकर्णी के नेतृत्व में लोक अदालत हुई, जिसमें 39 खंडपीठों का गठन किया गया। हजारों प्रकरण आपसी सहमति से निराकृत हुए। 10 टूटे घर भी जुड़े और अन्य अलग-अलग धाराओं में न्यायालय में प्रकरण पेश किए थे। लोक अदालत मे समझौते के आधार पर प्रकरण निराकृत हुए।
इनके बीच समझौते
कुटुंब न्यायालय के अंतर्गत आने वाले पारिवारिक मामलों में अनेक प्रकरणों का निराकरण किया गया। सविता निवासी बाणगंगा इंदौर का विवाह सतीश निवासी ढांचा भवन उज्जैन के साथ 7 मई 2017 को हुआ था। विवाह के करीब 2 वर्ष बाद 13 अक्टूबर 2019 से अलग-अलग रहने लगे थे। सविता ने पति के विरुद्ध भरण पोषण का केस लगा रखा था। लोक अदालत में दीे गई समझाइश के आधार पर दोनों ने प्रकरण में समझौता कर साथ रहना स्वीकार किया। इसी प्रकार रीना निवासी जयसिंह पुरा का विवाह अनिल निवासी रामगंज मंडी राजस्थान के साथ 22 मई 2015 को हुआ। दोनों का एक 10 माह का पुत्र है शिवांश, जो माता के साथ निवासरत है। 24 दिसंबर 2018 से दोनों अलग रह रहे थे। रीना ने पति के विरुद्ध भरण पोषण का केस लगाया था। लोक अदालत में दी गई समझाइश के आधार पर दोनों ने साथ रहना स्वीकार किया। दोनों ही प्रकरण उपप्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय उज्जैन अंजनी नंदन जोशी के न्यायालय में विचाराधीन थे। इसमें खण्डपीठ के सदस्य हरदयालसिंह का योगदान रहा। इसी प्रकार तलाक लेने आई महिला ने समझौते के आधार पर तलाक का केस खारिज कराने के बाद पति के साथ रहना स्वीकार किया। कोमल अजमेरिया निवासी हाल मुकाम नागझिरी उज्जैन का विवाह अशोक अजमेरा निवासी सुरजन के साथ वर्ष 2003 में हुआ था दोनों ही 2017 से पृथक निवासरत थे। कोमल अजमेरा ने पति अशोक के विरुद्ध विवाह विच्छेद का प्रकरण प्रधान न्यायाधीश जीपी अग्रवाल के न्यायालय में पेश किया था। लोक अदालत में दोनों ने समझौता स्वीकार कर साथ में रहना स्वीकार किया। भारत दायमा निवासी उज्जैनिया का विवाह पूजा निवासी नानाखेड़ा के साथ 8 फरवरी 2013 को हुआ था। भारत दायमा ने पत्नी पूजा के विरुद्ध विवाह की पुनस्र्थापना का केस कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश जीपी अग्रवाल के न्यायालय में पेश किया था। इसी प्रकार से मीनू विरुद्ध संजय कुमार, सुनीता विरुद्ध मनीष, मंजू विरुद्ध महेंद्र लोदवाल, सीमा विरुद्ध जीतेंद्र, शालिनी विरुद्ध गौरव, रचना विरुद्ध दुर्गेश, भारत विरुद्ध पूजा, कोमल विरुद्ध अशोक के प्रकरण न्यायालय में विचारधीन थे। लोक अदालत में समझौते के बाद प्रकरणों को निराकृत कर दिया गया। सभी दंपती साथ में रहने के लिए हंसी-खुशी गए।
स्वच्छता सर्वेक्षण में लोक अदालत से मिली मदद, डेढ़ करोड़ से अधिक का राजस्व जमा
उज्जैन. स्वच्छता सर्वेक्षण अंतर्गत इस बार नगर निगम के विभिनन कर व यूजर्स चार्जेस की वसूली का भी महत्व है। मसलन निगम जितना अधिक संपत्तिकर-जलकर जमा करवाएगा, सर्वेक्षण में उतने अधिक नंबर मिलेंगे। लोक अदालत के एक ही दिन में निगम को डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की राजस्व वसूली हुई है। ऐसे में लोक अदालत के कारण निगम को स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रेडिंग के लिए मदद मिली है।
शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत अंतर्गत नगर निगम द्वारा सभी 6 जोन कार्यालय खुले रखे गए। इन जोन कार्यालयों पर संपत्तिकर व जलकर जमा करवाया गया साथ ही करदाताओं को सरचार्ज में छूट का लाभ दिया गया। सरचार्ज में छूट का लाभ लेने के लिए बड़ी संख्या में शहरवासी जोन कार्यालयों पर पहुंचे और बकाया संपत्तिकर व जलकर राशि जमा की। शाम तक संपत्किर व जलकर जमा करने का कार्य चला, जिसके बाद निगम ने प्राप्त राजस्व की जोनवार गिनती शुरू की। लोक अदालत अंतर्गत सभी जोन में कुल 1 करोड़ 66 लाख 8 हजार 105 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ वहीं करदाताओं को 21 लाख रुपए से अधिक की छूट का लाभ मिला।
महापौर ने किया निरीक्षण
नेशनल लोक अदालत अंतर्गत जोन कार्यालयों पर लगाए गए विशेष शिविरों में महापौर मीना जोनवाल भी पहुंची और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जोनवाल ने जोन क्रमांक 4, 5 व चामुण्डा माता स्थित पीएचई विभाग में शिविरों का निरीक्षण किया। इस दौरान उपायुक्त सुनील शाह उपस्थित रहे।
चेक बाउंस में राजीनामा: परिवादी चंद्रभान सिंह सिसौदिया द्वारा शास्त्री नगर निवासी रामेश्वर चावड़ा से उसके मकान क्रय करने का एग्रीमेंट कर उसकी आवश्यकता के अनुसार 13 लाख रुपए दिए गए। उसके बाद रामेश्वर चावड़ा ने राशि लौटाने के लिए 13 लाख रुपए का एक चेक दिया था, जिसे परिवादी द्वारा बैंक में प्रस्तुत करने पर वह बाउंस हो गया। इस पर परिवादी द्वारा न्यायालय में धारा 138 के अंतर्गत परिवाद लगाया गया। बेस्ट मीडियेटर हरदयाल सिंह ठाकुर द्वारा समझाइश देने पर न्यायालय सपना शिवहरे द्वारा राजीनामा कर प्रकरण को समाप्त किया गया। राजीनामा अवसर पर परिवादी के अभिभाषक संतोष कुमार सिसौदिया, मनोज कुमार सुमन, सत्यनारायण जोशी, सोनाली विजयवर्गीय, मनोज सिसौदिया आदि उपस्थित थे। उज्जैन परस्पर सहकारी बैंक के 15 प्रकरणों में आपसी सहमति से समझौता हुआ और 23 लाख 29 हजार रु. की वसूली हुई।
तहसीलों मे भी प्रकरणों का निराकरण
नेशनल लोक अदालत के लिए जिला और तहसील स्तर पर कुल 40 खंडपीठों का गठन किया गया था। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला विधिक सहायता अधिकारी दिलीपसिंह मुझाल्दा के अनुसार नेशनल लोक अदालत कुल प्रीलिटिगेशन एवं पेडिंग 7444 प्रकरण रखे गए थे। इसमें से लगभग 1825 प्रकरणों के निराकरण में लगभग 1901 पक्षकार लाभांवित हुए। इसके साथ 5 करोड़ 70 लाख 56 हजार 172 रुपए के अवॉर्ड पारित किए गए।

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