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स्कूल से 10 फीट दूर बिना मुंडेर का कुआं, चली गई तीन मासूमों की जान

locationउज्जैनPublished: Oct 19, 2019 12:35:03 am

Submitted by:

Mukesh Malavat

ग्राम रिछोदा के निजी विद्यालय परिसर में कुएं में वैन गिरने से हुई मासूमों की मौत का, अब सख्त कार्रवाई करने की बात कह रहे अधिकारी

10 feet away from the school without a munder's well, three innocent l

ग्राम रिछोदा के निजी विद्यालय परिसर में कुएं में वैन गिरने से हुई मासूमों की मौत का, अब सख्त कार्रवाई करने की बात कह रहे अधिकारी

पीयूष भावसार
शाजापुर. किसी विद्यालय को मान्यता देने के लिए शिक्षा विभाग के समस्त नियम-कायदे देखें जाते है। दस्तावेजों के साथ ही भौतिक सत्यापन के बाद ही विद्यालय को मान्यता दी जाती है, लेकिन शाजापुर के शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों ने कार्यालय में बैठकर ही कागजों पर कर्तव्य की इतिश्री कर ली। तभी तो स्कूल भवन से 10 फीट की दूरी पर बरसों पुराना बगैर मुंडेर का कच्चा कुआं भी जिम्मेदारों ने नहीं देखा और मान्यता दे दी। शुक्रवार दोपहर को जब जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा तीन मासूमों की जान चली जाने पर सामने आया तो मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने विद्यालय की मान्यता रद्द कर दी। वहीं मामले में लापरवाही बरतने वालों पर भी दंडात्मक कार्रवाई करने की बात कही है, लेकिन किसी के पास मासूमों के परिजनों को दिलासा देने के लिए कोई शब्द ही नहीं है।
ग्राम रिछोदा में संचालित ए एकेडमी विद्यालय में विद्यालय में त्रेमासिक परीक्षा का आयोजन सुबह 10 बजे से किया गया। प्रतिदिन की तरह बच्चें विद्यालय पहुंचे और परीक्षा देने लगे। दोपहर 12 बजे परीक्षा से देकर बाहर निकले बच्चों में से 21 बच्चों को गैस कीट से संचालित मारुति वैन (एमपी 09 बीडी 7396 ) में उसके चालक कमल सिंह ने बैठा लिया। विद्यालय के सामने से कमलसिंह ने वाहन को मोडकऱ पीछे लिया। बच्चे कहने लगे कि पीछे कुआं है धीरे, लेकिन चालक कमलसिंह ने किसी की बात पर ध्यान नहीं दिया। जब कमलसिंह को इसका आभास हुआ और वो वाहन में ब्रेक लगाता तब तक देर हो चुकी थी और वाहन कुएं में गिरता चला गया।
मनोहरसिंह बना संकट मोचक
जिस समय वाहन कुएं में गिरा तभी विद्यालय के द्वार पर यहां भृत्य का काम कार्य करने वाला मनोहरसिंह मौके पर ही मौजूद था। उसने जैसे ही देखा कि वाहन कुएं में गिरा तो उसने कुएं में छलांग लगा दी। कुएं में वाहन गिरने से पहले वाहन से बाहर कूद गया चालक कमलसिंह भी वाहन के पीछे कुएं में कूदा, वहीं यहां से गुजर रहे कुछ और ग्रामीण भी कुएं में कूद गए। सभी ने मिलकर 18 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
लाड़लों के शव देख कर मची चीख पुकार
ग्राम रिछोदा में मृतक दिव्या और आयुष के शवों के पहुंचने के पहले ही घर के बाहर महिलाएं और कुछ पुरुष बैठे हुए थे। एक व्यक्ति ने बताया कि यहां पर अभी बच्चों की मां को इसकी जानकारी नहीं दी है। इसलिए कोई कुछ भी बात नहीं कर रहा है। हालांकि तभी 5.15 बजे शाजापुर के शव वाहन से दिव्या और आयुष के शव को घर के बाहर लाया गया। जैसे ही दोनों बच्चों के शवों को हाथ में उठाकर परिजन घर में लेकर गए तो यहां चीख-पुकार मच गई।
बचाव दल ने निकाले शव और वाहन
18 बच्चों को सकुशल निकलने के बाद ग्रामीणों ने कुएं के अंदर से उक्त विद्यालय में पढऩे वाले 5 वर्षीय हार्दिक पिता संदीप वर्मा और दिव्या पिता जितेंद्र सौराष्ट्रीय को अचेत अवस्था में बाहर निकाला। इसके बाद हार्दिक को लेकर उसके परिजन शाजापुर जिला मुख्यालय पर स्थित निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे, जबकि दिव्या को जिला अस्पताल लाया गया। यहां पर दोनों बच्चों को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। बचाव दल के गोताखोरों ने पानी में छलांग लगाकर ढंूढा तो विद्यालय में अध्ययनरत मृतक दिव्या के भाई आयुष पिता जितेंद्र सौराष्ट्रीय भी अचेत मिल गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
इस तरह संचालित होता है ए एकेडमी स्कूल
ग्राम रिछोदा के बाहर ए एकेडमी का बोर्ड लगाकर निजी विद्यालय का संचालन ग्राम रंथभंवर का अजित सिंह द्वारा एक ऐसे परिसर में किया जा रहा है जहां पर हर समय बच्चों की जान जोखिम में रहती है। स्कूल के कक्ष से बाहर निकलते ही सडक़ के समानांतर करीब 35 फीट और पानी से पूरी तरह भरा हुआ कच्चा कुआं। स्कूल भवन के एक ओर छत पर जाने के लिए बाहर से बगैर रैलिंग लगी हुई सीढिय़ां बनी हुई, कुछ सीढ़ी चढऩे के बाद यदि कोई सीधा खड़ा हो गया तो वो यहां से गुजर रही बिजली लाइन के तार से टकरा जाए।
फरार हो गए विद्यालय के कर्मचारी और वाहन चालक
विद्यालय परिसर में हुए हादसे की जानकारी मिलने पर सुनेरा थाने से डायल-100 वाहन मौके पर पहुंचा तब तक विद्यालय का संपूर्ण स्टॉफ और वाहन चालक कमलसिंह यहां से फरार हो गया था। मौके पर ग्रामीणों की खासी भीड़ लग गई थी। हादसे की सूचना मिलने पर जिला मुख्यालय से कलेक्टर डॉ.वीरेंद्रसिंह रावत, पुलिस अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व यूएस मरावी, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस एके उपाध्याय, राजस्व निरीक्षक विक्रमसिंह भदौरिया, तहसीलदार सत्येंद्र बैरवा, होमगार्ड का बचाव दल, एसडीइआरएफ का दल मौके पर पहुंच गया। यहां पर सभी ने मिलकर बवाच कार्य शुरू किया। मौके पर पहुंची एंबुलेंस में तैनात स्टॉफ सदस्यों ने पानी से निकाले गए बच्चों को प्राथमिक उपचार दिया। इधर हादसे की सूचना मिलने के बाद जिला पंचायत सदस्य राजकुमार कराड़ा, अमरसिंह बकानी, रामवीरसिंह, महेंद्र सेंगर, नरेश कप्तान सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने की संवेदनाएं व्यक्त
ग्राम रिछोदा में निजी विद्यालय के बच्चों से भरी मारूति वेन के कुएं में गिरने से मृत बच्चों के प्रति मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शोक संवेदनाए व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके कहा है कि इस मामले के लिए जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इस संबंध में कलेक्टर को दुर्घटना की जांच के निर्देश भी दे दिए गए है।
एक अन्य विद्यालय की मान्यता भी की रद्द
हादसे की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे जिला शिक्षा अधिकारी उदय उपेंद्र भिड़े ने ए एकेडमी विद्यालय की मान्यता रद्द कर दी। वहीं जिस विद्यालय परिसर में ये हादसा हुआ वहां से कुछ दूरी पर ही एक अन्य रेड रोज कॉन्वेंट स्कूल रिछोदा भी संचालित होता है। खास बात यह है कि इस विद्यालय को भी बगैर देखे भी मान्यता दी गई, जबकि इस विद्यालय की दीवार से ही सटा हुआ बगैर मुंडेर का कुआं है, जब इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को मिली तो उन्होंने उक्त विद्यालय की भी मान्यता को रद्द कर दिया।
ग्राम रिछोदा में जो हादसा हुआ वो बहुत ही दु:खद है। प्रदेश सरकार पीडि़त परिवार के साथ खड़ी है। उन्हें सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी। वहीं इस मामले में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी और जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।
हुकुमसिंह कराड़ा, जलसंसाधन मंत्री-मप्र शासन

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