script13 हजार किलो भांग और 2.25 करोड़ लीटर शराब पी गए उज्जैन वाले | 13000 kilos of cannabis and 2.25 crore liters of alcohol were consumed | Patrika News

13 हजार किलो भांग और 2.25 करोड़ लीटर शराब पी गए उज्जैन वाले

locationउज्जैनPublished: Dec 15, 2019 09:41:11 pm

Submitted by:

anil mukati

जिले में बढ़ रही है नशाखोरी की प्रवृत्ति, शराब दुकानों पर युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक पहुंच रहे

13 हजार किलो भांग और 2.25 करोड़ लीटर शराब पी गए उज्जैन वाले

जिले में बढ़ रही है नशाखोरी की प्रवृत्ति, शराब दुकानों पर युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक पहुंच रहे

उज्जैन. जिले में नशाखोरी की प्रवृत्ति में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले आठ महीने में 13 हजार किलो भांग लोग गटक गए हैं। वहीं करीब 1.25 करोड़ लीटर शराब की खपत हो चुकी है। स्थिति यह है कि शराब व भांग की खपत हर वर्ष तीन से पांच फीसदी की दर से बढ़ रही है। नशे की बढ़ती लत के कारण ही अपराध और पारिवारिक विवादों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है।
शराब दुकानों पर इन दिनों युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक की भीड़ देखी जा सकती है। दअरसल जिले में शराब और भांग जैसे नशे को लेकर लोग ज्यादा आदी हो रहे है। १ अप्रैल २०१९ से शुरू हुए वित्तीय वर्ष में नवंबर अंत तक लोग बड़ी मात्रा में शराब और भांग का सेवन कर चुके हैं। जबकि अभी साल खत्म होने में चार महीने बाकी है। सबसे ज्यादा खपत देशी शराब की हो रही है। आठ महीने में 74 लाख 99 हजार 294 लीटर देशी मसाला व प्लेन शराब बिक चुकी है। इसके मुकाबले में विदेशी शराब 13 लाख 83 हजार 038 लीटर ही बिकी है। वहीं 32 लाख २४ हजार 493 लीटर बीयर की खपत हुई है। इन नौ महीनो में देशी व विदेशी शराब मिलाकर कुल 1 करोड़ 25 लाख 6825 लीटर शराब लोग पी गए हैं। शराब के अलावा लोग भांग भी जमकर खा रहे है। पिछले आठ महीने में 13 हजार 10 किलो भांग की खपत हुई है। यानी डेढ़ हजार किलो भांग हर माह लोगों द्वारा खाई जा रही है।
सस्ती शराब के चलते लोगों ने खूब पी
पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष लोगों ने जमकर शराब पी है। इसके पीछे वजह है कि जिले में सस्ती शराब बिकना भी है। दरअसल शराब ठेकेदारों की आपसी प्रतियोगिता के चलते शराब की कीमतें कम हुई है और लोगों ने जमकर शराब खरीदी और पी है। पिछले वर्ष 2018-19 में जहां देशी शराब की खपत 62 लाख 32 हजार 072.75 लीटर थी इस वर्ष यह बढ़कर 74 लाख लीटर तक पहुंच गई है। ऐसे ही विदेशी शराब पिछले वर्ष 15 लाख लीटर से ज्यादा बिकी थी इस वर्ष यह आंकड़ा अभी से 13 लाख लीटर तक पहुंच गया है।
बढ़ रहे हैं अपराध, टूट रहे परिवार
जिले में नशे के बढ़ते के सेवन का असर समाज पर भी दिखाई देने लगा है। शराबखोरी के कारण ही अपराध में इजाफा हो रहा है। जिले में आए दिन शराब के रुपए मांगने से लेकर लूट व चोरी में पकड़ाने वाले आरोपियों के पीछे नशा भी एक कारण बना हुआ है। वहीं नशे के कारण घर भी टूट रहे हैं। शराब पीकर घर पहुंचने से पति-पत्नी के बीच विवाद हो रहे हैं। थानों पर हर दूसरे-तीसरे दिन महिलाएं अपने पति के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने पहुंच रही है कि शराब के रूपए नहीं देने पर मारपीट की या नशे के दौरान अभद्रता करते हैं। नशे का असर बच्चों पर भी पढ़ रहा है। जब शराब व भंाग जैसे नशे का असर शरीर पर कम होने लगता है तो लोग ड्रग्स की और बढ़ जाते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो