महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध के बीच यह चौंकाने वाली जानकारी आई है कि थानों में अब गुमशुदगी के आंकड़ों में भी इजाफा हो रहा है। जिले में पिछले नौ महीने में १०४६ लोगों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज हुई है। इसमें सबसे ज्यादा १६ से १८ वर्ष की लड़कियों के लापता होने के मामले सामने आए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिलाओं से जुड़े मामलों में तुरंत कार्रवाई के चलते यह संख्या ज्यादा है। जैसे ही किसी महिला के लापता होने की शिकायत आती है तो उसे तुंरत दर्ज कर लिया जाता है। बाद में जब जांच शुरू होती है तो अधिकतर के प्रेम-प्रसंग के चलते घर छोडऩे की बात सामने आती है। हालांकि कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें घर से गायब हुई युवतियां एक से दो वर्ष बाद मिली है। जब तक इनके बच्चे हो जाते हैं। इसके विपरित बालिकाओं के लापता होने के मामले वयस्क की तुलना में कम हैं। जिले में अब तक १५१ बालिकाएं लापता हुईं। इनमें में भी १५ से १७ वर्ष के बीच बालिकाओं की संख्या ज्यादा है। चंूकि बच्चियों का मामला होता है लिहाजा पुलिस तुरंत प्रकरण दर्ज कर इनकी बरामदी में जुट जाती है। वहीं नाबालिग लड़कों की बात करें तो ३८ बालक के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज हुई है।
अभियान मुस्कान में ढूंढे लापता
गायब होने वाले बच्चों को लेकर पुलिस द्वारा अभियान मुस्कान चलाया जाता है। इसमें १२ वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ढूंढने को लेकर विशेष कार्रवाई की जाती है। जिले में १८ वर्ष से कम उम्र के लड़के-लड़की की १५१ गुमशुदगी दर्ज की गई है। इनमें १२२ बालिकाएं तथा २९ बालक भी हैं। पुलिस के मुताबिक १५१ में से अब तक ९३ को तलाश लिया गया है।
४१ फीसदी ही लापता मिल पाए जिले में १०४६ गुमशुदगी के प्रकरण दर्ज हुए हैं। पुलिस इनमें से अब तक ४१ फीसदी लोगों को ही ढूंढ पाई है। यानी ४३२ लोगों का पता चला सका है। लापता हुए ३०४ पुरुषों में से १३९ तथा ५७८ महिलाओं में से २६८ को अब तक ढूंढ लिया गया है। हालांकि पुलिस अधिकारी बता रहे हैं कि घर छोड़कर गायब हुए कई लोग दूसरे राज्यों में नाम, पता बदलकर रहने लगते हैं। ऐसे में इनसे संपर्क का कोई माध्यम नहीं मिल पाता है। घर छोड़कर गए लोग जब अपने किसी परिजन से संपर्क करते हैं तो इनकी जानकारी सामने आती है। इसके बाद पुलिस जाकर इन्हें साथ लेकर आती है।
बॉक्स में लगाएं नाबालिग के साथ शादी में फंसते युवक
गुमशुदगी के प्रकरणों में नाबालिग लड़की के साथ पकड़ाने के मामले में युवक बुरी तरह फंस भी रहे हैं। दअरसल युवक अपने साथ विवाह के लिए लड़की को साथ तो ले जातेे हैं लेकिन उम्र का ध्यान नहीं रहता है। ऐसे में पुलिस नाबालिग के मान से प्रकरण दर्ज करती है। जब लड़की वापस मिलती है और परिजन विरोध में है तो युवक पर बलात्कार, पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई हो जाती। यहां तक कि यदि कोई युवक अपने साथ नाबालिग को ले जाता है अगर दो-तीन वर्षों बाद भी मिलता है जब उसके बच्चे हो जाते तब भी सजा की गिरफ्त में रहता है।
इनका कहना जिले में १६ से १९ वर्ष की लड़कियों के गायब होने की अधिकतर शिकायतें आती हैं। इन उम्र में लड़कियों के प्रेम विवाह या अन्य कारणों के घर छोड़ देती फिर वापस भी आ जाती है। हमारा ज्यादा फोकस १२ वर्ष से कम उम्र के बच्चों को लेकर होता है। इस उम्र के बच्चों के लापता होने के पीछे मानव तस्करी की आशंका रहती है।
– सचिन अतुलकर, एसपी