उज्जैन में वकालत के लिए 6.50 करोड़ का खर्च
उज्जैनPublished: Oct 06, 2020 06:38:35 pm
शहर का पहला सरकारी विधि महाविद्यालय भवन तैयार, सुप्रीम कोर्ट की तरह पांच क्राउन सीट का बनाया मूट कोर्टदेवास रोड पर 6.50 करोड़ की लागत से बने लॉ कॉलेज को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइड लाइन से बनाया
शहर का पहला सरकारी विधि महाविद्यालय भवन तैयार, सुप्रीम कोर्ट की तरह पांच क्राउन सीट का बनाया मूट कोर्टदेवास रोड पर 6.50 करोड़ की लागत से बने लॉ कॉलेज को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइड लाइन से बनाया
उज्जैन. शहर में पहला शासकीय लॉ कॉलेज का भवन बनकर तैयार हो गया है। करीब पांच हजार वर्ग मीटर में बने दो मंजिला कॉलेज भवन को बॉर काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइड लाइन के अनुसार बनाया है। यहां मूट कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट की तरह बनाया गया है, जिसकी खंडपीठ पर पांच क्राउन सीट रहेगी। यानी एक साथ पांच जज बैठकर किसी मामले में सुनेंगे। वहीं १५०० वर्ग फीट इतनी बड़े आकार में करीब 12 क्लास रूम भी बनाए गए हैं।
देवास रोड पर करीब 6.50 करोड़ रुपए खर्च कर दो मंजिला लॉ कॉलेज बनाया गया है। पीडब्ल्यूडी की पीआइयू विंग द्वारा तैयार किए गए इस कॉलेज का काम पूर्ण होकर 8 अक्टूबर को उद्घाटन की तैयारी की जा रही है। कॉलेज की पहली मंजिल पर सात कक्ष तो दूसरी मंजिल पर पांच कक्ष सहित अन्य निर्माण किए गए हैं। लॉ कॉलेज प्राचार्य डॉ एसएन शर्मा ने बताया कि नए भवन बनने के बाद शहर का पहला शासकीय लॉ कॉलेज होगा, जिसका खुद भवन होगा। अब तक यह माधव कॉलेज में संचालित हो रहा था। प्राचार्य डॉ शर्मा के मुताबिक पूरे कॉलेज को इस तरह बनाया गया है कि यहां कानून की पढ़ाई और न्यायालय मंदिर के रूप में दिखाई दे। कॉलेज में कई सुविधाएं विद्यार्थियों को मिलेगी। कॉलेज में महिला, पुरूष और दिव्यांग छात्रों को ध्यान में रखते हुए टॉयलेट बनाए गए हैं। इसके अलावा प्रोफेसर कक्ष, बैठक रूम सहित अन्य सुविधा व कैंपस भी रहेगा। इसी वर्ष से कॉलेज में विद्यार्थियों की पढ़ाई भी शुरू होगी। पीडब्ल्यूडी पीआइयू के कार्यपालन यंत्री बीडी शर्मा ने बताया कि भवन बनकर तैयार हो गया है। थोड़ा बिजली का काम शेष है, जो अगले दिनों में पूर्ण हो जाएगा।
अगले वर्ष से पांच वर्षीय एलएलबी कोर्स
नए कॉलेज भवन के साथ ही अब विद्यार्थियों को पांच वर्षीय लॉ कोर्स की भी सुविधा मिलेगी। प्राचार्य डॉ शर्मा ने बताया कि अगले सत्र से बीएएलएलबी शुरू कर दिया जाएगा। बता दें, शहर में पांच वर्षीय कोर्स एक निजी कॉलेज में ही संचालित है।
बांउड्रीवॉल और सड़क की दरकार
नया लॉ कॉलेज तो बन गया लेकिन यहां पर सड़क और बाउंड्रीवॉल नहीं बन पाई है। इसके लिए अलग से बजट की आवश्यकता है। वर्तमान में यहां कच्ची सड़क है। इन दोनों को निर्माण के लिए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से राशि स्वीकृत करने की मांग की गई है।
स्मार्ट क्लॉस, डिजिटल लाइब्रेरी से कर सकेंगे पढ़ाई
लॉ कॉलेज में स्मार्ट क्लॉसेस रहेगी। विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। वहीं कॉलेज में इ-लाइब्रेरी रहेगी, जो पूरी तरह से कम्प्यूटराज्ड होकर इसमें देश-विदेश से लॉ से जुड़ी किताबों को पढ़ा जा सकेगा।