बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन महाशिवरात्रि पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए उत्साहित है। इसबार महाशिवरात्रि को पूरा शहर दीपों की रोशीन के साथ मनाएगा। घर-घर दीपक जलेंगे वहीं क्षिप्रा का आंचल भी दीपों की रोशनी से टीमटीमाएगा। एक समय ही समय पूरे शहर में २१ लाख दीपक प्रज्वलित करने की तैयारी की जा रही है। इनमें से १२ लाख दीपक क्ष्रिपा के रामघाट, दत्त अखाड़ा, सुनहरी घाट, भूखी माता, नृसिंह घाट आदि घाटों पर लगाए जाएंगे। यहां सुव्यवस्थित दीपोत्सव के लिए प्रशासन ने बड़े पैमाने पर तैयारी की है। नगर निगम के इंजीनियरों सहित कई अधिकारी-कर्मचारियों की टीम कई दिनों से घाटों की सफाई, सेक्टर व ब्लॉक निर्माण आदि कार्य में जुटी हुई है। साथ ही विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, खेल, व्यापारी आदि संगठन दीपोत्सव में सहयोग कर रहे हैं।
एक नजर में महाआयोजन की तैयारी
- क्षिप्रा के दोनों ओर करीब तीन किलोमीटर लंबे घाटों पर दीपक लगेंगे।
- कुल ६ सेक्टर घाटों को बांटा गया है।
- ६ सेक्टर में कुल १२० सब सेक्टर बनाए गए हैं।
- प्रत्येक सब सेक्टर में २०-२० वर्ग फीट के ५० ब्लॉक बनाए गए हैं।
- एक ब्लॉक में २०० दीपक लगेंगे। इस तरह एक सब सेक्टर में १० हजार और पूरे घाटों पर १२ लाख दीपक लगाए जाएंगे।
- प्रत्येक ब्लॉक पर दो-दो वालेंटीयर तैनात होंगे। प्रत्येक वालेंटीयर १०० दीपक प्रज्वलित करेगा। कुल १२ हजार से अधिक वालेंटीयर घाट पर रहेंगे।
- व्यवस्था के लिहाज से सेक्टर, सहायक सेक्टर अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
- दीपोत्सव से पूर्व सभी वालेंटीयर के सेक्टर, सब सेक्टर व ब्लॉक निर्धारित कर दिए जाएंगे। इसी आधार पर वे कार्यक्रम मे दिन अपने आवंटित ब्लॉक पर तैनात होंगे।
जिले से आएंगे ४ हजार वालेंटीयर
दीपोत्सव में शहर के साथ ही जिले की भी भागीदारी होगी। आयोजन में १२ हजार से अधिक वालेंटीयर सेवा देंगे जिनमें करीब ४ हजार वालेंटीयर जिले की विभिन्न तहसील व गांवों से आएंगे। इनमें ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव आदि शामिल रहेंगे। शहर से ८ हजार वालेंटीयर रहेंगे जिनमें विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ही सामाजिक, धार्मिक, व्यापारी आदि संगठन के सदस्या और बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल रहेंगे। आवश्यकता पडऩे पर वालेंटीयर के परिचय पत्र भी दिए जा सकते हैं ताकि उन्हें घाट तक पहुंचने में किसी प्रकार की समस्या न हो।
दीपक जलाने में लग सकते हैं १०-१५ मिनट
एक ही समय में घाटों पर १२ लाख दीपक प्रज्वलित करना बड़ा लक्ष्य है। एक व्यक्ति को सौ दीपक लगाने, बत्ती रखने, तेल डालने से लेकर जलाने तक के कार्य में ४५ मिनट से एक घंटा तक लगा सकता है। ब्लॉक में दीपक रखना और उनमें बत्ती-तेल डालकर तैयार करने का कार्य दोपहर के समय भी किया जा सकता है। इसके लिए पर्याप्त समय रहेगा। महत्वपूर्ण कार्य दीपकों को प्रज्वलित करने का होगा। तय समय पर सायरन बजेगा और सभी वालेंटीयर अपने-अपने हिस्से के दीपक जलाना शुरू कर देंगे। पूर्व से दीपक तैयार होने की स्थिति में सौ दीपों को जलाने में १० से १५ मिनट लगेंगे। एेसे में बड़ी चुनौती यही होगी कि सभी दीपक १५ मिनट के अंदर-अंदर जल जाएं ताकि इसके बाद पूरे घाटों सभी दीपक साथ में जले हुए नजर आ सकें। दीपक जल्द प्रज्वलित हों, एेसी तकनीक पर भी मंथन किया जा रहा है।
पूरे शहर में लगेंगे २१ लाख दीपक
घाट पर १२ लाख दीपक लगाए जा रहे हैं वहीं इनके साथ पूरे शहर को २१ लाख दीपों से जगमगाने की तैयारी है। घाटों के अलावा शेष ९ लाख दीपों में से ४ लाख दीपक महाकाल, हरसिद्धी, मंगनाथ, सिद्धवट, शनि मंदिर आदि देव स्थल, टॉवर चौक और शहर के प्रमुख चौराहों पर लगाए जाएंगे। इनके अलावा शहर के प्रत्येक घर-प्रतिष्ठान में ५-५ दीपक भी लगाए गए तो ५ लाख दीपक प्रज्वलित होंगे। इस तरह पूरा शहर महाशिवरात्रि को धूमधाम से मनाएगा। बन सकता है वल्र्ड रिकार्डआयोजन के जरिए जहां शहर उत्सव मनाएगा वहीं इसे ग्रीनिज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज करवाने का भी प्रयास है। इसके लिए एक ही स्थान (क्षिप्रा के घाट) पर सतत १२ लाख दीपक लगाने की तैयारी की जा रही ताकि उनकी गणना संभव हो सके। आयोजन सफल होता है तो पूर्व में करीब १० लाख दीपों का रिकार्ड तोड़ उज्जैन नया विश्व कीर्तिमान रचेगा।
इनका कहना
मुख्यमंत्री के निर्देशन में महाशिवरात्रि पर दीपोत्सव की तैयारी की जा रही है। प्रयास किया जा रहा है कि पूरे शहरभर में २१ लाख दीप जलें। इनमें से क्षिप्रा के घाटों पर १२ लाख दीपक लगाने की योजना है। १२ हजार वालेंटीयर भागीदारी करेंगे जिनमें सभी वर्ग, सभी समाज के लोग आगे आ रहे हैं।
- आशीषसिंह, कलेक्टर