सामाजिक समरसता का बेहतर उदाहरण…. राजपूत परिवार ने गुजराती परिवार की बारात का किया स्वागत
उज्जैनPublished: Dec 08, 2021 12:02:20 am
बारातियों को अल्पाहार में काजू-बादाम खिलाए, दुल्हे को पान
बारातियों को अल्पाहार में काजू-बादाम खिलाए, दुल्हे को पान
नागदा. बदलते दौर में शहर भले ही बदल रहा है। मगर कहीं न कहीं अब भी ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक कुरीतियां आड़े आ जाती है। जिसके प्रत्यक्ष उदाहरण सवर्ण और दलितों में होने वाले विवाद के रूप में देखे जा सकते है। मगर ग्राम पिपलौदा में सामाजिक समरसता की अनुठी मिसाल पेश की गई है। यहां एक राजपूत परिवार ने गुजराती परिवार की बारात का ना सिर्फ स्वागत किया गया, बल्कि बारातियों को अल्पाहार में काजू-बादाम खिलाएं और दूल्हे को पान से नवाजा गया। इतना ही नहीं राजपूत परिवार दलित परिवार की शादी का हिस्सा बनने के साथ बारात में नाचा भी सही।
पिपलौदा निवासी चंपालाल परमार की बेटी पूजा पिता अंबाराम परमार की शादी बोरखेड़ा भल्ला के कमल गुजराती के साथ हुई है। सोमवार रात बारात आई थी, जिसका डोडिया परिवार के जीवनसिंह डोडिया, छोटू बन्ना, नारायण डोडिया ने बारात का धूमधाम से स्वागत किया। बारात में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को अल्पाहार कराने के साथ दूल्हे को पान भी खिलाया गया।
विवादों से दूर पिपलौदा
गांव पिपलौदा में तो सवर्ण-दलित के विवाद की स्थिति नहीं बनी है। मगर नागदा के आसपास में सवर्ण-दलितों में टकराव की स्थिति जरुर बनी है। लगभग दो साल पहले 2019 में ग्राम रोहलकलां में दलित की वर निकासी पर सवर्णों ने पत्थरबाजी की थी। जिसमें एक युवक घायल हुआ था। इसी तरह करीब चार साल पहले ग्राम भाटीसुड़ा निवासी सवर्ण समाज के एक व्यक्ति ने लेन-देन को लेकर दलित व्यक्ति की शिकायत बिरलाग्राम थाने में की थी।
इससे सामाजिक एकता बढ़ेगी
परिवार के आशुतोषसिंह डोडिया ने बताया कि बारात में स्वागत करने का उद्देश्य केवल कुरीतियां खत्म करना है। क्योंकि शहर भले ही आगे बढ़ तो हो, लेकिन गांवों में आज भी छोटी-छोटी बातों पर सवर्ण-दलितों में टकराव की स्थितियां बनती है। जिससे कहीं न कहीं दोनों समाज कहीं न कहीं अपमानित भी होते है। ऐसे में इस पहल से ना सिर्फ सामाजिक समरसता बढ़ेगी, बल्कि समाज में अच्छा संदेश भी जाएगा।