उज्जैन

बिना अर्हता के जारी हुआ अतिथि विद्वान का विज्ञापन, लिंक ओपन नहीं

सत्र 2018-19 के लिए विज्ञापन, पूर्व अतिथि शिक्षकों को आपत्ति

उज्जैनSep 21, 2018 / 08:36 pm

Lalit Saxena

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उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन ने वर्ष 2018-19 के लिए अध्ययनशाला में रिक्त पद व स्ववित्तीय पाठ्यक्रम के शैक्षणिक पद पर अतिथि व्याख्याताओं का विज्ञापन जारी किया है। विज्ञापन के अनुसार समस्त अर्हता की जिम्मेदारी विवि वेबसाइट पर है। साथ ही आवेदन एमपी ऑनलाइन के माध्यम से किए जा सकेंगे। हालांकि विवि की तरफ से कोई भी अर्हता जारी नहीं की गई। साथ ही एमपी ऑनलाइन पर एेसी कोई लिंक नहीं है, जिससे आवेदन किया जा सकेंगे। एेसे में एक बार फिर अतिथि विद्वान विज्ञापन के न्यायालय के पेंच में उलझने की संभावना बन गई है।

विवि प्रशासन ने गत सत्र 2017-18 में अतिथि विद्वान का विज्ञापन जारी किया था, लेकिन यह मामला न्यायालय में उलझ गया। इसी तरह इंजीनियरिंग संस्थान में नई भर्ती की प्रक्रिया विवादों में उलझ गई। इन विवादों के बाद नई भर्ती की जगह पुराने लोगों को ही निरंतर कर दिया जाता रहा है। अब एक बार फिर विज्ञापन जारी हुआ। हालांकि इस विज्ञापन पर भी आपत्ति आना शुरू हो गई, लेकिन मामला न्यायालय के पेंच में नहीं उलझ जाए, इसलिए विवि के जिम्मेदारों ने पहले ही केविएट लगाने का निर्णय लिया है।

नए लोग सक्रिय, राजनीतिक उठापटक जारी

विक्रम विवि में लंबे समय से शिक्षकों की भर्ती विवादों में है। ऐसे में स्थाई शिक्षकों का अभाव है। लगभग सभी विभाग अतिथि व्याख्याता के भरोसे हैं। इस पद पर सालों से काम कर रहे लोग हमेशा अपनी नौकरी बचाने के प्रयास में रहते हैं। साथ ही राजनीतिक संबंध के चलते नौकरी पाने वाले पुरानों की जगह खुद को फिट करने की कोशिश जारी रखते हैं। बता दें, विश्वविद्यालय समन्वय समिति ने पूर्व में कार्यरत अतिथि विद्वानों की जगह नए को रखने के प्रकरण में विधि प्रकोष्ठ से चर्चा कर निर्णय लेने का अधिकार विवि प्रशासन को दिया है। इधर, विवि प्रशासन पूर्व अतिथि विद्वानों की जगह नए लोगों की नियुक्ति की तैयारी में है। इस तरह की प्रक्रिया के माध्यम से प्रभावशाली व पूर्व से तय लोगों को फिट करने कोशिश करने के आरोप भी लग रहे हैं।

सबसे ज्यादा इंजीनियरिंग में

विक्रम विवि में सबसे ज्यादा 20 रिक्त पद इंजीनियरिंग विभाग में हैं। इसके बाद फॉर्मेसी और वाणिज्य विभाग में आठ पद हैं। इसी तरह सभी विभाग में एक से तीन पद खाली हैं। इन पर नियुक्ति होनी है।

इधर, नए वेतन को लेकर विवाद

उच्च शिक्षा विभाग ने अतिथि विद्वानों का मानदेय में परिवर्तन किया है। सरकारी कॉलेजों में अब अतिथि शिक्षकों को न्यूनतम 30 हजार रुपए मानदेय दिया जा रहा है। साथ ही अन्य नियमों में भी परिवर्तन किया है। अब तक विवि प्रशासन उच्च शिक्षा विभाग के सभी परिवर्तित नियमों को लागू करता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। विवि के अतिथि शिक्षकों ने कुलपति से नए नियम लागू करने की मांग भी की, लेकिन विवि प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई तैयारी नहीं की गई।

जारी विज्ञापन के साथ आवेदन जारी किया

विक्रम विवि प्रशासन ने वेबसाइट पर जारी विज्ञापन के साथ आवेदन पत्र का प्रारूप लगाकर जारी कर दिया। जबकि विवि विज्ञापन में ही दर्ज है कि विषयावार संख्या, शर्ते, आर्हता, विशेषज्ञता, निर्धारित योग्यता, अन्य विस्तृत विवरण विवि की वेबसाइट पर मिलेगा।

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