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नागदा. चंबल नदी किनारे स्थित उद्योग के प्रदूषण से प्रभावित लगभग 14 गांव के रहवासियों को अब प्रदूषण से निजात मिलेगी। मप्र सरकार व स्थानीय नपा ने उद्योग से निकले नाले को भूमिगत कर उसके पानी का उपयोग वृक्षारोपण, ईंट निर्माण व खेती के कार्य में करेगी। इसका प्राजेक्ट स्थानीय स्तर पर नपा ने तैयार कर लिया है। जिसकी डीपीआर भी बनकर तैयार हो रही है। इस पूरे प्राजेक्ट पर लगभग २५ करोड़ का खर्च आंका गया है। यदि यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो शहर की ६० वर्ष पुरानी समस्या का समाधान हो जाएगा। जिसके बाद केंद्र व राज्य से जांच दल भी आया था। अब स्थानीय प्रशासन ने सुध ली है।
क्या है मामला
स्थानीय उद्योग से एक नाला निकला है। जो नगर में से होता हुआ जूना नागदा के समीप चंबल नदी में मिल रहा है। यह नाला बिरलाग्राम, आजादपुरा, रेलवे ट्रेक, 6 4 ब्लॉक, 56 ब्लॉक, किल्लीपुरा, जूना नागदा रोड, बायपास मार्ग से होता हुआ नागदह टेकरी के समीप चंबल नदी में मिल रहा है। इस नाले में शहर का गंदा पानी भी मिल रहा है। उद्योग व शहर का गंदा पानी नदी में मिलने से नदी किनारे स्थित 14 गांव भगतुपरी, परमारखेडी, किलोडिय़ा, अटलावदा, निनावटखेड़ा, गिदगढ़, राजगढ़ आदि गांव की जमीन प्रभावित हो रही है। उक्त गांव के लोग पीने के लिए नदी का पानी भी उपयोग नहीं करते है। सबसे अधिक परेशानी गांव परमारखेड़ी में है।
पानी का करेगें उपयोग
इस पानी को फिल्टर कर नपा उपयोग में लेगी। नपा ने बायपास पर बनाए जा रहे पार्क में उक्त पानी का उपयोग वृक्षारोपण व अन्य कार्य में होगा। नपा ईंट भट्टे संचालकों को भी पानी देगी। कुछ पानी किसानों को भी दिया जाएगा। र्इंट भट्टें संचालकों से नपा पानी की राशि भी लेगी। वर्तमान में भट्टे संचालक पानी का उपयोग ईंट निर्माण में कर रहे है, लेकिन कोई शुल्क नहीं दे रहे। कुछ स्थान जूना नागदा में कई रसुखदार लोग उक्त पानी पर कब्जा कर उसे बेच भी रहे है।
क्या है योजना
पानी को मिलने से रोकने के लिए मप्र सरकार व नपा ने एक योजना तैयार की है। योजना के तहत नाले को भूमिगत किया जाए। नाले के स्थान पर चेनल बनाकर पानी को नदी में मिलने से रोका जाएगा। नाले में नपा पाइप लाइन डालेगी। कुछ दूरी पर जगह-जगह लगभग २० से २५ फीट पर चेंबर बनाए जाएगें। उक्त चेनल के माध्यम से पानी को जूना नागदा क्षेत्र में लाया जाएगा।
इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग २५ करोड रु खर्च होगें है।
&उद्योग से निकले गंदे पानी के नाले को भूमिगत किया जाएगा। उक्त योजना पर लगभग २५ करोड़ रु खर्च होना है। नाले का पानी उद्यान व ईंट निर्माण में लिया जाएगा। ईट भट्टे संचालकों को पानी बेचा जाएगा। नदी में नाले के पानी को मिलने से रोकेगें।
अशोक मालवीय, नपा अध्यक्ष, नागदा
Published on:
17 Feb 2018 08:03 am
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