उज्जैनPublished: Oct 04, 2018 12:51:46 am
Lalit Saxena
पेट्रोल में इस पदार्थ की मात्रा है फीसदी, पानी के संपर्क में आकर बन रहा लुग्दी
पेट्रोल में इस पदार्थ की मात्रा है फीसदी, पानी के संपर्क में आकर बन रहा लुग्दी
उज्जैन. यह कम ही लोगों को पता होगा कि वाहन में जो वह पेट्रोल डलवाते हैं, उसमें 10 प्रतिशत एथेनॉल मिला होता है। यह एथेनॉल चोरी-चुपके नहीं मिलाया जाता बल्कि पेट्रोलियम मंत्रालय के निर्देश पर ऑइल कंपनियां ही इसे मिलाकर पेट्रोल पंप तक पहुंचाती हैं। पेट्रोल में एथेनॉल मिलने से कुछ समस्याएं भी सामने आने लगी हैं, जिससे अब पंप संचालकों को जूझना पड़ रहा है। एेसे में शहर के पंप संचालकों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंप एथेनॉल की मात्रा १० से घटाकर ५ फीसदी करवाने की मांग की है।
बुधवार को पेट्रोल-डीजल डीलर्स एसोसिएशन उज्जैन का प्रतिनिधि मंडल जिला आपूर्ति नियंत्रक एमएल मारू से मिले और ज्ञापन सौंपा। पंप संचालकों ने बताया, कुछ महीने पहले तीनों सरकारी ऑइल कंपनियों द्वारा पेट्रोलियम मंत्रालय के निर्देश पर डिपो से पेट्रोल में १० प्रतिशत एथेनॉल मिलाकर पेट्रोल पंप को प्रदाय किया जा रहा है। एथेनॉल मिलाने के लिए सरकारी कंपनियों के पास कोई ऑटोमेटिक सिस्टम नहीं है और ना ही यह रिफायनरी से मिलकर आता है। एेसे में सिर्फ टैंकर भरते समय डिपो से ऑनलाइन 90:10 के अनुपात में मिश्रण कर पेट्रोल प्रदाय किया जाता है। संचालकों ने इससे आ रही व्यवहारिक परेशानियों बताते हुए कंपनियों को उचित निर्देश देने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में गोपाल माहेश्वरी, रवि लोहिया, निखिलेश वाघेला, दीपक बसावड़ा, गोल्डी सहानी, अभिषेक गुप्ता, फरहान खान मौजूद थे।
एथेनॉल से यह हो रही समस्या
पेट्रोल पंप संचालकों के अनुसार एथेनॉल का नेचर पानी व नमी के संपर्क में आने पर घुलनशील है। पानी के संपर्क में आने से यह लुग्दी जैसा हो जाता है या पानी में बदल जाता है। यदि वाहन के फ्यूल टैंक में थोड़ी भी नमी या हल्का पानी है तो पेट्रोल में मिला एथेनॉल इसके संपर्क में आकर फ्यूल टैंक में पानी की मात्रा और बढ़ा देता है। कई बार उपभोक्ता इसके लिए पेट्रोल पंप संचालकों को जिम्मेदार ठहराते है, जबकि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं होती।