उज्जैनPublished: Aug 25, 2019 12:23:08 am
Ashish Sikarwar
इस बार अच्छी बारिश से किसानों को उम्मीद जागी थी कि उनका पीला सोना (सोयाबीन) अच्छा होगा, लेकिन आसमान से गिरी गाज
इस बार अच्छी बारिश से किसानों को उम्मीद जागी थी कि उनका पीला सोना (सोयाबीन) अच्छा होगा, लेकिन आसमान से गिरी गाज
घिनोदा. इस बार अच्छी बारिश से किसानों को उम्मीद जागी थी कि उनका पीला सोना (सोयाबीन) अच्छा होगा, लेकिन आसमान से गिरी गाज ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है। हालात ये हैं कि सोयाबीन में फल नहीं लाए हैं। जहां फल आए भी हैं वहां इल्ली का प्रकोप है।
यह स्थिति खाचरौद विकासखंड के घिनोदा, डिवेल, जीरमीरा, कंचनखेड़ी, भैंसोला, लेकोडिय़ा सहित ऐसे कई गांव हैं जहां सोयाबीन की यह स्थिति दिखी। पत्रिका ने मौके पर जाकर देखा तो पता चला की फसलें तो खेतों में लहलहाती दिख रही हैं लेकिन पास से देखने पर पता चला फसल जो अब तक फलियों से भरी होनी थी, उनमें एक भी फल नहीं है।
किसान इस आफत को देखकर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। अच्दी बारिश व समय-समय कीटनाश का छिड़काव करने पर भी फल नहीं आने से किसान कीटनाशक दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं। दुकानदार भी समझ नहीं पा रहा है कि फल क्यों नहीं आ रहे हैं। इधर कलेक्टर शशांक मिश्र के आदेशानुसार मामले की जांच के लिए राजस्व अधिकारी और कृषि विस्तार अधिकारियों को फसलों का निरीक्षण करने भेजा रहा है। निरीक्षण कर रिपोर्ट भी ली जा रही है।
सोयाबीन में जो फल नहीं आ रहे हैं, उनमें सबसे बड़ा कारण अधिक बारिश होना और कीटनाशक का छिड़काव समय पर ना करना है। इससे इल्लियां नहीं मर रही हैं और वे फल खा रही है। खेतों का निरीक्षण किया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक को भी बुलाया है। जहां ज्यादा शिकायतें आ रही हैं, वहां की फसल व भूमि की जांच की जा रही है।
केसी मालवीय, कृषि विस्तार अधिकारी, खाचरौद
किसानों की कई समस्या की जानकारी मिली है। कृषि विस्तार अधिकारी और पटवारी को निरीक्षण रिपोर्ट ली जा रही है। किसानों को निर्देश दिए है कि जहां भी फसल में फल नहीं आए वे फसल जानवरों को नहीं खिलाएं। उसमें जहर हो सकता है।
पुष्पेंद्र अहके, एसडीएम, खाचरौद