scriptआखिरकार प्रशासन को क्यों याद आई बच्चों की | After all, why did the administration remember the children | Patrika News

आखिरकार प्रशासन को क्यों याद आई बच्चों की

locationउज्जैनPublished: Aug 03, 2019 12:39:24 am

Submitted by:

Ashish Sikarwar

आखिरकार स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने शुक्रवार को सक्रियता दिखाई। ऑटो में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाने वाले चालकों पर चालानी कार्रवाई की।

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आखिरकार स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने शुक्रवार को सक्रियता दिखाई। ऑटो में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाने वाले चालकों पर चालानी कार्रवाई की।

नागदा. आखिरकार स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने शुक्रवार को सक्रियता दिखाई। ऑटो में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाने वाले चालकों पर चालानी कार्रवाई की। इससे क्षमता से अधिक सवारियां बैठाने वाले चालकों में हड़कंप मच गया।
सीएसपी मनोज रत्नाकर एवं टीआई श्यामचंद्र शर्मा के निर्देशन में शुक्रवार दोपहर १२ बजे एसआई बिजेंद्र छाबरिया एवं आरक्षक मुकेश राठौड़ ने क्षमता से अधिक सवारी बैठाने वाले ऑटो चालकों पर चालानी कार्रवाई शुरू की। इस दौरान क्षमता से बच्चो को ऑटों में बैठाकर सवारियां ढो रहे चालकों के चालान बनाए व फटकार भी लगाई। एसआई ने उन्हें सख्त हिदायत देते हुए कहा खुद की जान की परवाह नहीं है तो कम से कम स्कूली बच्चों की सुरक्षा का तो ध्यान रखो। पूरे दिनभर में पुलिस अलग-अलग चौराहों पर खड़े रहकर चालानी कार्रवाई की।
प्रतिदिन हो कार्रवाई तो लगे अंकुश-कार्रवाई के दौरान आम जनता का एक ही सवाल था कि यह कार्रवाई प्रतिदिन होना चाहिए। तभी अधिक सवारी बैठाने वाले वाहन चालकों पर लगाम कसी जा सकी है। हर बार यही होता है कि प्रशासन एक दिन कार्रवाई कर भूल जाता है फिर ये वाहन चालक अधिक सवारी बैठाने से बाज नहीं आते।
७ ऑटो पर कार्रवाई
स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर चलाए अभियान में ७ ऑटो चालकों पर कार्रवाई की गई। सभी ऑटो में क्षमता से अधिक स्कूली बच्चे बैठे पाए गए। सुरक्षा को लेकर संसाधन भी उपलब्ध नहीं थे। अग्निशमन यंत्र, प्राथमिक उपचार बॉक्स होना चाहिए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला।
नागदा. भाइयों से नाराज होकर चंबल में छलांग लगाने वाले युवक के शव को निकालने में पुलिस चौथे दिन भी खाली हाथ रही। २० किमी की खाक छानने के बाद अन्य शहरों से आए गोताखोर लौट गए। इधर अब पुलिस ने चंबल युवक के शव को तलाशने के लिए नदी किनारे बसे गावों में सूचना करने के साथ कुछ गांवों में पर्चे बंटवाएं हैं।
शुक्रवार शाम तक चंबल में छलांग लगाने वाले युवक के शव को निकालने में किसी प्रकार की सफलता नहीं मिली थी। काफी मशक्कत के बाद शव को निकालने आए अन्य शहरों के गोतााखोर भी लौट गए। उसके बाद स्थानीय गोताखोर जुटे रहे।
चौथे दिन भी शव नहीं मिलने पर पुलिस ने चंबल किनारे बसे गावों में जानकारियां भिजवा दी। इसके अलावा कुछ गांवों में पर्चे बंटवाए हैं, ताकि नदीं किनारे कोई लाश मिलती है तो शिनाख्त हो सके।
२९ गोताखोर लौटे अपने शहर, १२ अब भी जुटे
शव को निकालने के लिए पुलिस प्रशासन ने अन्य शहरों के गोताखोरों को भी बुलवाया था, लेकिन सफलता नहीं मिलने पर महिदपुर से आए १५ व उज्जैन से आए १४ गोताखोरों को लौटा दिया। स्थानीय १२ गोताखोर सहित पुलिस जवान शव को निकालने के प्रयास में जुटे हैं।
अन्य थानों पर सूचना के लिए रवाना किए दो जवान-चंबल के बहाव में कहीं युवक का शव आगे निकलने के कयास में पुलिस ने दो पुलिस जवानों को ६० किमी के थाना क्षेत्रों में सूचना के लिए भेजा है। यह जवान इन थानों पर पहुंचकर घटना की जानकारी देंगे।
हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं
युवक के शव को निकालने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। चंबल किनारे बसे गांवों में युवक के जानकारी भेजने के साथ ही फोटो भी भेजा है। ताकि लाश मिलती है तो शिनाख्ती हो सके।
मनोज रत्नाकर, सीएसपी, नागदा

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