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आखिर दो दोस्तों ने क्यों किया दोस्ती का खून

locationउज्जैनPublished: Oct 06, 2019 12:35:48 am

Submitted by:

Ashish Sikarwar

बहुचर्चित नीतेश हत्याकांड मामले अंधेरे में लकीर पीट रही पुलिस को आखिरकार सफलता हासिल हो गई है। पुलिस ने मृतक के साथ पर काम करने वाले दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।

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बहुचर्चित नीतेश हत्याकांड मामले अंधेरे में लकीर पीट रही पुलिस को आखिरकार सफलता हासिल हो गई है। पुलिस ने मृतक के साथ पर काम करने वाले दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।

नागदा. बहुचर्चित नीतेश हत्याकांड मामले अंधेरे में लकीर पीट रही पुलिस को आखिरकार सफलता हासिल हो गई है। मामले में पुलिस ने मृतक के साथ निजी क्लीकिन पर काम करने वाले दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
नगर पुलिस अधीक्षक मनोज रत्नाकर ने सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया मृतक नीतेश की हत्या डॉ. प्रमोद बाथम के क्लीनिक पहली मंजिल पर उसी के दो साथी राजेश (२४) पिता भेरूलाल गेहलोत निवासी इंदिरा कॉलोनी एवं जगदीश (२९) पिता जीवनदास बैरागी निवासी जूना नागदा ने 10 जून 2018 की रात को गला घोंटकर कर दी थी। हत्या के बाद लाश को बोरे में भरकर क्लीनिक के पीछे पीछे रास्ते से बाहर निकले और मोटरसाइकिल पर लाश को रखकर बायपास रोड स्थित ओवरब्रिज के पास फेंक दी थी। पुलिस ने दोनो आरोपियों को गिरफ्तार कर उपयोग में लाई गई मोटरसाइकिल भी जब्त कर ली है।
सीसीटीवी फुटेज से खुलासा
पुलिस के लिए चुनौती बन चुके हत्याकांड का खुलासा आखिरकार घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी ने की किया। मंडी थाना प्रभारी सतीशचंद्र शर्मा ने हत्याकांड की फाइल पुन: खंगालना शुरू की। इसी दौरान नीतेश जिस डॉ. बॉथम की क्लीनिक पर कार्य करता था। वारदात वाली रात को उस स्थान पर लगे सीसीटीवी को बार-बार देखा गया। बारीकी से अध्ययन करने पर पता चला रात करीब 9.30 बजे डॉ. बाथम का भाई दीपक, नीतेश, आरोपी जगदीश, राजेश के अलावा इनका एक और साथी लखन यादव क्लीनिक बंदकर बहार निकल रहे हैं। उसके बाद फुटेज बंद हो जाता है, लेकिन 5 मिनट इंतजार के बाद पुलिस को फिर से फुटेज में क्लीनिक के भीतर ऐसा कुछ नजर आता है कि जिसे देखकर पुलिस मामले की तह तक पहुंच जाती है। दरअसल क्लीनिक पर दो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। एक बाहर व दूसरा अंदर। बाहर वाले कैमरे के फुटेज की जांच में पुलिस को मृतक एवं दोनों आरोपी क्लीनिक बंद करते हुए नजर आते हैं, लेकिन अंदर लगे कैमरे के फुटेज खंगालती है तो क्लीनिक बंद होने के बाद करीब रात 10.30 बजे डॉ. बाथम जिस कमरे में मरीजों को देखते हैं, तो उस रूम में पड़े एक स्टूल की लोकेशन पहले वाले फुटेज से बदल जाती है। साथ ही कमरे मे एक दूध की थैली भी नजर आती है। बता दें पुुलिस की जांच में इस बात की पुष्टि हो चुकी थी कि क्लीनिक से निकलने के बाद मृतक नीतेश ने घर के लिए इसी क्षेत्र में स्थित एक डेयरी से दूध लिया था, लेकिन इसके बाद वह कहां गया इसकी जानकारी पुलिस को नहीं मिल पा रही थी, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में जब दूध की थैली पर नजर पड़ी तो पुलिस ने क्लीनिक पर नीतेश के साथ काम करने वाले राजेश व जगदीश को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो मामला खुल गया।
ऐसे दिया हत्या को अंजाम
रत्नाकर ने बताया आरोपियों ने नीतेश की हत्या की साजिश घटना के 5 दिन पूर्व ही रच ली थी। घटना वाली रात को रोजाना की तरह मृतक व आरोपी ने पहले तो क्लीनिक को को ताला लगाया, लेकिन पांच मिनट बाद ही जब डॉ. बाथम का भाई वहां से निकल गया तो इन तीनों ने सीसीटीवी फुटेज से बचकर फिर ताला खोला और भीतर गए। इसी दौरान मृतक ने घर के लिए ली दूध की थैली बेंच पर रख दी। उसके बाद आरोपियों ने नीतेश को सिगरेट लेने बाहर भेजा। उसके जाते ही दोनों क्लीनिक का मेन स्विच बंद कर लाइट गुल कर दी थी। उसके बाद तीनों पहली मंजिल पर गए। वहां आरोपियों ने पहले तो नीतेश के साथ मारपीट की उसके बाद जगदीश के गमछे से उसका गला घोंटकरहत्या कर दी और बोरे में लाश भरकर क्लीनिक के पीछे के दरवाजे से बाहर निकल गए। जगदीश मोटरसाइकिल पीछे लाया और राजेश ने दरवाजा बंद कर आगे से क्लीनिक पर ताला लगाकर निकल गया। फिर दोनों ने लाश वाले बोरे को मोटरसाइकिल पर लादकर 56 ब्लॉक होते हुए बायपास रोड पहुंचे और ओवरब्रिज के पास फेंककर घर चले गए।
रतलाम निवासी युवती से प्रेम-प्रसंग है हत्या की मुख्य वजह
पुलिस ने बताया मृतक की मौसेरी बहन जो रतलाम में निवासी करती हे। उससे आरोपी राजेश फेसबुक पर बातचीत करता था। घटना के कुछ दिन पहले आरोपी राजेश, युवती से मिलने भी रतलाम गया था, जिसकी जानकारी युवती की बड़ी बहन ने नीतेश को दे दी थी। इसी बात को लेकर दोनो में विवाद भी हुआ था। यही वजह है कि राजेश ने जगदीश को साथ लेकर नीतेश की हत्या कर दी।
16 माह तक पूर्व थाना प्रभारी जांच के नाम पर लकीर पीटते रहे
11 जून 2018 को पुलिस ने बायपास रोड से बोरे में बंद नीतेश की लाश को जब्त किया था। मामले में पुलिस ने करीब 50 से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ की एवं डेढ़ लाख से ज्यादा कॉल डिटेल खंगाली। इस दौरान मंडी पुलिस थाने के तीन थाना प्रभारी बदले गए। सभी ने इस हत्याकांड के खुलासा का प्रयास किया लेकिन किसी के हाथ सफलता नहीं लगी। या यूं कहे कि 16 माह तक पुलिस के हाथ घटना का सीसीटीवी फुटेज लगने के बाद भी जांच के नाम पर सिर्फ लकीर पीटती रही। यहां तक की पुलिस ने आरोपी राजेश और जगदीश से भी दो बार थाने बुलाकर पूछताछ की थी, लेकिन ठोस सबूत नहीं मिलने से दोनों को छोड़ दिया, लेकिन वर्तमान थाना प्रभारी सतीशचंद्र शर्मा ने गंभीरता से मामले की जांच कर आरोपियों को ढूंढ निकाला।
इनकी भूमिका रही सराहनीय
हत्या के खुलासे में मंडी थाना प्रभारी के अलावा उपनिरीक्षक जीवन भिडोरे, आरक्षक सुनील बैस, नीरज पटेल, ईश्वर परिहार, मनोहर मोहरी, विनोद माली, सुखदेव सोलंकी, दिनेश गुर्जर की भूमिका सराहनीय रही है। पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर ने पूरी टीम के कार्य की प्रशंसा करते हुए 10 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।
मृतक के पिता जताई आशंका, हत्या में और लोग भी हैं शामिल
नितेश के पिता गोविंद चौहान ने पत्रिका से चर्चा में कहा कि पुलिस ने जिन आरोपियों को उसके बेटे की हत्या मामले में पकड़ा है। हत्या करना उन दोनों के वश की बात नहीं है। हत्या में और लोग भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने या तो पकड़े गए आरोपियों से सख्ती से पूछताछ नहीं की या फिर वह कुछ लोगों को बचा रही है। पुलिस इनसे सख्ती से पूछताछ करे तो और नाम भी सामने आ सकते हैं।

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