शनिश्चरी अमावस्या पर इंदौर रोड स्थित नवग्रह शनि मंदिर पर करीब 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद दर्शन-पूजन का सिलसिला दिनभर चला। पंचकोशी यात्रा से लौटे श्रद्धालुओं ने यहां स्नान-पूजन कर पुण्य अर्जित किया। इसी के साथ घर वापसी के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर यात्रियों को जद्दोजहद से गुजरना पड़ा। अधिकांश ट्रेनों में पांव रखने तक जगह नहीं मिली।
शनिश्चरी अमावस्या पर इंदौर रोड स्थित नवग्रह शनि मंदिर पर करीब 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद दर्शन-पूजन का सिलसिला दिनभर चला। पंचकोशी यात्रा से लौटे श्रद्धालुओं ने यहां स्नान-पूजन कर पुण्य अर्जित किया। इसी के साथ घर वापसी के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर यात्रियों को जद्दोजहद से गुजरना पड़ा। अधिकांश ट्रेनों में पांव रखने तक जगह नहीं मिली।
शनिश्चरी अमावस्या पर इंदौर रोड स्थित नवग्रह शनि मंदिर पर करीब 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद दर्शन-पूजन का सिलसिला दिनभर चला। पंचकोशी यात्रा से लौटे श्रद्धालुओं ने यहां स्नान-पूजन कर पुण्य अर्जित किया। इसी के साथ घर वापसी के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर यात्रियों को जद्दोजहद से गुजरना पड़ा। अधिकांश ट्रेनों में पांव रखने तक जगह नहीं मिली।
शनिश्चरी अमावस्या पर इंदौर रोड स्थित नवग्रह शनि मंदिर पर करीब 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद दर्शन-पूजन का सिलसिला दिनभर चला। पंचकोशी यात्रा से लौटे श्रद्धालुओं ने यहां स्नान-पूजन कर पुण्य अर्जित किया। इसी के साथ घर वापसी के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर यात्रियों को जद्दोजहद से गुजरना पड़ा। अधिकांश ट्रेनों में पांव रखने तक जगह नहीं मिली।
शनिश्चरी अमावस्या पर इंदौर रोड स्थित नवग्रह शनि मंदिर पर करीब 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद दर्शन-पूजन का सिलसिला दिनभर चला। पंचकोशी यात्रा से लौटे श्रद्धालुओं ने यहां स्नान-पूजन कर पुण्य अर्जित किया। इसी के साथ घर वापसी के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर यात्रियों को जद्दोजहद से गुजरना पड़ा। अधिकांश ट्रेनों में पांव रखने तक जगह नहीं मिली।