scriptबेटी की मौत के बाद पिता ने दामाद को बेटा मान करवाई शादी | After the daughter's death, the father married son-in-law. | Patrika News

बेटी की मौत के बाद पिता ने दामाद को बेटा मान करवाई शादी

locationउज्जैनPublished: Jul 16, 2019 01:32:03 am

Submitted by:

Mukesh Malavat

परिवार ने सुशीला की मौत भूलकर सीमा को खुशी-खुशी किया विदा

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उन्हेल. जिस घर से बेटी की विदाई की गई थी, उसी घर से उसकी अर्थी निकली। एक वर्ष बाद ही ससुर ने दामाद को बेटा मानकर उसके लिए दुल्हन खोजी और उसी घर से उसकी शादी रचा दी।
मामला उन्हेल के तहसील टप्पा कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी आत्माराम सुनेरी की पुत्री सुशीला का है। सुशीला का विवाह 2014 में सुनील पिता दशरथ परमार निवासी खेड़ा पिपलौदी जिला रतलाम के साथ हुआ था। दोनों पति-पत्नी के बीच दाम्पत्य जीवन खुशी से चल रहा था। इसी बीच एक पुत्र के रूप में मनन का जन्म हुआ। सुनील के परिवार पर 2018 में वज्रपात हुआ और उसकी पत्नी सुशीला की बुखार बिगडऩे पर अपने मायके में मौत हो गई। यहीं से सुनील और उसके ससुर आत्माराम सुनेरी का परिवार सदमें पहुंच गया और मनन के सिर से मां का साया उठ गया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजस्व कर्मचारी आत्माराम सुनेरी के दिमाग में होनहार दामाद सुनील परमार का पुन: घर बसाने का जुनून पैदा हो गया। सामाजिक रीति-रिवाज से उठकर उसने अपने दामाद की शादी करने का प्रण ले लिया। सुवासरा मंडी जिला मंदसौर के नागूलाल पिता रामलाल बोराना परिवार ने अपनी बेटी का विवाह दामाद सुनील परमार से करने के लिए आत्माराम को स्वीकृति दे दी। फिर क्या था रविवार को ससुर के घर से दामाद को बेटा मानकर उसकी शादी की शहनाईयां बज गई, जिसका साक्षी पूरा समाज रहा। मनन को मां का साया मिल गया। दुल्हन सीमा को एक नहीं दो-दो पिताओं का आशियाना नसीब हो गया।
शिक्षित परिवार ने दी बेटी
नागूलाल पिता रामलाल बोराना ने मजदूरी कर चार बेटी और दो पुत्र को पढ़ाया। एक पुत्र शिक्षित होकर इंदौर की निजी कंपनी में जॉब कर रहा है। दूसरा पुत्र चेन्नई की निजी कंपनी मे जॉब करता है। नागूलाल आज सुख-समृद्ध हो चुका है। इंदौर वाला पुत्र अपनी दो बहनों को पढ़ाई के लिए इंदौर रखे हुए है। सबसे बड़ी बहन का विवाह पहले ही हो चुका है। एक मात्र पुत्री सीमा माता-पिता के साथ थी। जब आत्माराम सुनेरी ने यह प्रस्ताव नागूलाल बोराना के समक्ष रखा तो पूरे परिवार ने दामाद के लिए ससुर की पहल को सराहा और पूरे परिवार ने सीमा की शादी करने की स्वीकृति दे दी।
अब सीमा सुशीला के नाम से जानी जाएगी
आत्माराम सुनेरी ने बताया कि मुझे आज सबसे ज्यादा खुशी है कि दामाद के रूप में बेटा मिला और नागूलाल ने मुझे बेटी देकर पिता बना दिया। अब घर में सुशीला की कमी ना खले इसके लिए अब सीमा को मेरा पूरा परिवार शादी की शहनाई के साथ ही अब सुशीला के नाम सेे ही पुकारेगा। खुशी तो जब दोगुना हो गई कि दो दिन में ही मेरा नाती मनन सीमा को मम्मी कहकर उसके आगे-पीछे घूमने लग गया। आज मेरे परिवार का कबीरपंथी होना सार्थक हो गया।

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