उज्जैनPublished: Jul 07, 2018 12:35:22 am
Lalit Saxena
ननि के आर्थिक हालात एक बार फिर नाजुक दौर में… निगमायुक्त व कांग्रेस पार्षदों में तीखी बहस
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उज्जैन. नगर निगम के आर्थिक हालात एक बार फिर नाजुक दौर में हैं। करोड़ों के भुगतान अटके हैं, एेसे में नए विकास कार्यों की फाइलें पेंडिंग पड़ी हैं। फंड नहीं होने से विकास की गति बेपटरी है। शुक्रवार को कांग्रेस पार्षद दल ने कुछ एेसे ही मुद्दों को लेकर निगमायुक्त प्रतिभा पाल को घेरा। जब वे बोलीं कि संपत्तिकर, जलकर वसूली अपेक्षाकृत नहीं व अन्य फंड भी कम है तो विपक्षी पार्षदों ने कहा कि हम वार्डों के जरूरी काम करा नहीं पा रहे हैं और निगम करोड़ों रुपए की फिजूलखर्ची कर रहा है। यदि इस पर अंकुश नहीं लगा तो निगम का बंटा ढार हो जाएगा। कई मुद्दों पर निगमायुक्त व पार्षदों में तीखी बहस भी हुई। अंत में जब पार्षदों ने कहा कि समस्याएं दूर नहीं हुई तो हम सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे तो निगमायुक्त ने जवाब दिया कि ये आपका अधिकार है।
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र वशिष्ठ की अगुवाई में पहुंचे पार्षदों ने कहा कि सीवरेज प्रोजेक्ट में लंबा समय लगना है। बावजूद शहर के ४७ वार्डों में सड़क, नाली के काम पर रोक लगा दी। पहले भी एेसा हुआ था, लेकिन निगम परिषद में हुए ठहराव के बाद इसमें शिथिलता दी गई थी, लेकिन अब फिर से रोक लगाना समझ से परे है। २८ मार्च को बजट सम्मेलन के बाद से अब तक निगम सम्मेलन नहीं बुलाया गया, इसके कारण जरूरी मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पा रही। पार्षद माया त्रिवेदी, जफर एहमद सिद्दीकी, आत्माराम मालवीय, गुलनाज खान, सपना सांखला, हिम्मतसिंह देवड़ा, रेखा गेहलोत, हेमलता कुंवाल, ताराबाई मालवीय ने सभी वार्डों में निर्माण कार्यो को स्वीकृति दिए जने की मांग रखी।
सीवरेज प्रोजेक्ट में तकनीकी दिक्कत, लंबा वक्त लगेगा
नेता प्रतिपक्ष वशिष्ठ ने निगमायुक्त से कहा कि आपने भले ही अंडर ग्राउंड सीवरेज प्रोजेक्ट के लिए २ साल का अनुबंध किया हो, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के बीच ये इतने में संभव नहीं। टाटा कंपनी को काम दिए ८ माह बीत चुके हैं। अभी केवल सुरासा प्लांट का काम शुरू हुआ है। प्लान डिजाइन करने वाली बेपकाफ कंपनी ने नालों का पानी नदी किनारे ग्रेवेटी सिस्टम से होकर ट्रीटमेंट प्लांट तक जाना बताया है। लेकिन टाटा कंपनी ने अपने सर्वे में पाया कि इस पानी को वहां तक भेजने दो पंपिंग स्टेशन की जरूरत होगी। इनको बनाने पर प्रोजेक्ट लागत ओर बढ़ेगी। प्लान डिजाइन पुरी तरह फाइनल नहीं हुई। पहले चरण का जो काम नदी किनारे होना है उसमें ही एक साल लगेगा। एेसे में अभी से वार्डों के विकास कार्य रोकना अनुचित है।
मैं प्रतिनिधियों से बात नहीं करूंगी
कांग्रेस पार्षद के कुछ पति भी दल में शामिल रहे। पीपी नाना तिलकर के बोलने पर निगमायुक्त ने कहा कि आप पार्षद नहीं हैं तो फिर कैसे बात कर रहे हैं। मैं किसी भी प्रतिनिधि को जवाब नहीं दूंगी। आगे से आप सभी इस बात का ख्याल रखें, जो पार्षद हैं वे ही मुझसे मिलने आएं।
गायें भूख-प्यास से मर रहीं, आप जाकर देखें
पार्षदों ने कहा कि गौशाला में पौधरोपण करवा रहे हैं अच्छी बात है, लेकिन जिन गायों को यहां रखा है उनकी देखभाल भी होना चाहिए। भूख-प्यास से आए दिन गाय मर रही है। घास के पूले व पानी, दवाई के बराबर इंतजाम नहीं होने से पशु मर रहे हैं। पार्षदों ने कहा कि आप जाकर वहां के हालात देखें।