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टप्पा कार्यालय का ऑपरेटर लैपटॉप लेकर नेटवर्क के लिए घूमता है सडक़ों पर

locationउज्जैनPublished: Jul 14, 2019 01:56:43 am

Submitted by:

Mukesh Malavat

रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम में टप्पा सबसे पीछे, सैकड़ों प्रकरण भी अटके

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उन्हेल. मप्र सरकार ने रेवेन्यू विभाग को ऑनलाईन प्रक्रिया से तो जोड़ दिया है, पर धरातल पर ऑनलाईन प्रक्रिया कैसे चलती है इसकी सच्चाई जानने के लिए पत्रिका ने पड़ताल की तो चौंका देने वाली जानकारी सामने आई। उन्हेल तहसील टप्पा कार्यालय इंगोरिया चौपाटी पर संचालित होता है। इसके निजी भवन में कोई भी मोबाइल काम नहीं करता है। यहीं से रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम प्रक्रिया दम तोड़ चुकी हैै।
इस कार्यालय में पदस्थ विभाग का ऑपरेटर अपने कम्प्यूटर कक्ष पर मौजूद नहीं रहता है, क्योंकि यहां नेटवर्क नहीं मिलने के कारण यह कुर्सी खाली पड़ी रहती है। जब भी तहसीलदार से लेकर उच्च अधिकारी द्वारा जानकारी मांगकर अपडेट करने के लिए कहा जाता है तो ऑपरेटर भवन से बाहर आकर नेटवर्क तलाशता है और जहां नेटवर्क मिल जाता है ऑपरेटर वहीं बैठकर लैपटॉप से जानकारी बनाने लगता है। ऐसा ही शनिवार की शाम को हुआ तो पत्रिका ने उक्त ऑपरेटर को कैमरे में कैद कर लिया। यह सब देखकर ऑपरेटर अपने कम्प्यूटर कक्ष पर जाकर बैठ गया। इस समस्या का मुख्य कारण यहां विभाग द्वारा कार्यालय संचालित होने से लेकर अभी तक किसी भी तहसीलदार ने बीएसएनएल ब्रांड बैंड लगाने के लिए आवेदन तक नहीं किया है। इसी के कारण कार्यालय के ऑपरेटर को परेशानी आती है।
इसलिए दर्ज नहीं होते है प्रकरण
इसी समस्या के चलते आए दिन उन्हेल तहसील टप्पा का तहसीलदार जिला कलेक्टर की नाराजगी का शिकार होता है, क्योंकि रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम आरसीएमएस के तहत कार्यालय से नामंत्रण बंटवारा, रास्ता विवाद, इंदराज दुरस्ती, बंटाकन नंबर और सीमांकन जैसे मामले ऑनलाईन दर्ज नहीं होते है। ऊपर से आने वाले उच्च कार्यालय के आदेश का पालन भी रेवेन्यू मैनेजमेंट में दर्ज नहीं हो पाते है। जब ऑनलाइन प्रक्रिया में प्रगति नहीं दिखती है तो कलेक्टर की टीएल बैठक से लेकर अन्य बैठक में नाराजगी का शिकार होना पड़ता है। यहां पदस्थ तहसीलदारों ने आज तक यह समस्या कलेक्टर को नहीं बताई है। इसी की आड़ में ऑॅनलाईन के सैकड़ों प्रकरण न्यायालय के बाबू की अलमारी में रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम में चढऩे के लिए तरस रहे है।
इस समस्या के बारे में मुझे आपसे जानकारी मिली है। कलेक्टर से स्वीकृति लेकर टप्पा कार्यालय में ब्रांड बैंड लगवा दिया जाएगा।
आरपी वर्मा, एसडीएम नागदा

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