सावन की सारी सवारी निकल गई, मंत्री को आई सवारी मार्ग की सुध
उज्जैनPublished: Aug 14, 2019 12:58:22 am
जल्दबाजी में शाही सवारी का इंतजाम : वाहनों में बैठकर कर लिया मार्ग का निरीक्षण
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उज्जैन. श्रावण मास में बाबा महाकाल की चार सवारी निकलने के बाद अब प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा को सवारी मार्ग की याद आई है। वह भी तब, जब ठीक एक दिन पहले बाबा की सवारी ने नगर भ्रमण किया हो। इसके पहले लोगों की तमाम समस्याएं और प्रशासन की सामने खड़ी दुश्वारियों के निराकरण में प्रभारी मंत्री की सख्त आवश्यकता महसूस की जा रही थी लेकिन वह न तो सवारी मार्ग की व्यवस्था देखने पहुंचे न ही उन्होंने भीड़ प्रबंधन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सोमवार को भी वह सुबह से शहर में ही थे लेकिन मेल-मुलाकात को अधिक महत्व दिया वनस्पत सवारी मार्ग के निरीक्षण करने के। मंगलवार को भी महज रस्म अदायगी के लिए वे निरीक्षण करने भरी बरसात में पहुंचे। नजीता स्पष्ट था कि १० मिनट के अंदर निरीक्षण हो गया।
अब बताया जा रहा है कि २६ अगस्त को निकलने वाली शाही सवारी की तैयारियों के मद्देनजर प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने मंगलवार को सवारी मार्ग और रामघाट का निरीक्षण किया है। ताजपुर के कार्यक्रम से लौटते मंत्री व अमले ने सवारी मार्ग का वाहन में बैठकर ही निरीक्षण किया। बताया जा रहा है कि एक पूर्व पार्षद ने उन्हें मोबाइल पर एक दिन पूर्व तक घाट पर पसरी गाद व गंदगी दिखाई। इस पर वर्मा ने अधिकारियों से कहा कि आगामी सवारियों से पूर्व ही मार्ग व घाट की पर्याप्त सफाई कर ली जाए। इस दौरान तराना विधायक महेश परमार ने शाही सवारी के दौरान भी बैरिकेडिंग व्यवस्थित रखने का कहा ताकि श्रद्धालुओं को बाबा के सुलभ दर्शन हो सके।
बंद कमरे में अफसरों के साथ की बैठक
ताजपुर जाने से पहले सुबह शहर पहुंचने के साथ ही मंत्री वर्मा ने सर्किट हाउस पर पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बंद कमरे में आधा घंटे से अधिक समय तक चर्चा की। अधिकांश चर्चा शाही सवारी की तैयारी को लेकर हुई। सूत्रों के अनुसार सोमवार को प्रस्तावित दौरा टलने पर मंत्री ने नाराजगी भी जताई। शाही सवारी में भोपाल व इंदौर के पुलिस बैंड बुलाने पर विचार हुआ। शाही सवारी में मुख्यमंत्री कमलनाथ के शामिल होने की भी संभावना है।
मंत्री का दावा
पार्टी चिह्नों पर ही होंगे निकाय चुनाव
नगरीय निकाय चुनाव को लेकर इस बार कई नए बदलाव की अटकलें जारी हैं। इसमें यह चर्चा भी है कि इस बार चुनाव दलीय आधार पर नहीं होंगे। मसलन पंचायत चुनाव का फार्मूला अपनाते हुए नगरीय निकायों के चुनाव भी दलीय आधार (भाजपा, कांग्रेस या अन्य दल का चुनाव चिह्न) पर नहीं होंगे। निकाय चुनाव संबंधित गठित उपसमिति अध्यक्ष व प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने निरीक्षण के बाद मीडिया से चर्चा में इस संभावना से इनकार किया है। उन्होंने दावा किया है कि निकाय चुनाव पूर्व की तरह राजनीतिक दलों के चुनाव चिह्न पर ही होंगे।