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छात्रों के साथ ही शिक्षकों को भी योग करना जरूरी

locationउज्जैनPublished: Oct 29, 2019 06:31:35 pm

Submitted by:

anil mukati

विश्वविद्यालय और कॉलेजों में एक घंटा कराया जाए योग

छात्रों के साथ ही शिक्षकों को भी योग करना जरूरी

विश्वविद्यालय और कॉलेजों में एक घंटा कराया जाए योग

उज्जैन. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की मंशा है कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रतिदिन एक घंटा योग और खेल गतिविधियों का संचालन किया जाए। यूजीसी ने अनिवार्य किया है कि छात्रों के साथ शिक्षकों को भी योग करना होगा। गतिविधियों की जानकारी आवश्यक तौर पर यूजीसी की वेबसाइट पर देना होगी।
यूजीसी का मानना है कि जंक फूड और फास्ट फूड खाने से युवाओं में तेजी से बीमारियां बढ़ रही हैं। इसे लेकर सरकार चिंतित है। यही वजह है कि यूजीसी ने कॉलेजों और विवि में स्वास्थ्य को लेकर अभियान शुरू करने की जरूरत बताते हुए निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए यूजीसी ने कहा है कि सभी विवि अपने अकादमिक कैलेंडर में अनिवार्य तौर पर स्वास्थ्य सजगता को लेकर खेल गतिविधियों को शामिल करें। सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को व्यायाम, योग,ध्यान,पैदल चलना, साइकिल चलाना, एयरोबिक्स, मार्शल आर्ट जैसी गतिविधियों के लिए प्रतिदिन एक घंटा तय किया जाए। संस्थान के कुलपति, कुलसचिव, प्रोफेसर और अधिकारी गतिविधियों में छात्रों और शिक्षकों का नेतृत्व कर शामिल हों।
पैदल चलने के लिए प्रेरित करें
यूजीसी ने कहा है कि छात्रों और शिक्षकों को रोजाना करीब एक हजार कदम पैदल चलने के लिए प्रेरित किया जाए। परिसर के भीतर साइकिल जोन बनाया जाए। इसमें सिर्फ साइकिल का ही उपयोग करें। बाहर से आने वाले लोग भी इस जोन में साइकिल का ही उपयोग करें। मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए संस्थानों में अवसाद और तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला व सेमिनार का आयोजन किया जाए।
संतुलित पोषण आहार की जानकारी दी जाए
विद्यार्थियों का संतुलित पोषण आहार के बारे में भी छात्रों को पूरी जानकारी दी जाए। खेलकूद प्रतियोगिताओं का भी कम से कम तीन माह में एक बार आयोजन किया जाए। इसमें शामिल होने के लिए छात्रों को प्रेरित किया जाए। साल में कम से कम एक बार छात्रों और शिक्षकों के स्वास्थ्य की जांच के लिए संस्थान में कैंप आयोजित किए जाएं। अपने संस्थान में आयोजित होने वाली स्वास्थ्य गतिविधियों की जानकारी वेबसाइट पर दी जाए।
इनका कहना है
यूजीसी और विश्वविद्यालय के निर्देशों का पालन कार्ययोजना बना कर किया जाएगा।
डॉ. निश्छल यादव, निदेशक शारीरिक शिक्षा अध्ययनशाला विक्रम विवि

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