उज्जैन

महाकाल मंदिर में मनमानी का आलम, मंदिर प्रबंध समिति फेल

महाकाल मंदिर में बाहरी पंडित-पुजारी को रोकने में मंदिर समिति नाकाम

उज्जैनMay 23, 2019 / 12:18 am

anil mukati

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मंदिर के अधिकृत पुजारी-पुरोहित भी नहीं कर रहें सहयोग,निर्देशों का पालन नहीं
उज्जैन.महाकाल मंदिर के गर्भगृह की जलाधारी से सोने कीे चेन ले जाने का मामला सामने आने के बाद मंदिर में बाहरी पंडितों-पुजारियों की मौजूदगी पर सवाल उठने लगे हैं। मंदिर प्रबंध समिति बाहर से आकर पूजन करने वालों को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। मंदिर के अधिकृत पुजारी-पुरोहित भी इस मामले में मंदिर प्रबंध समिति को असहयोग कर निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं।
महाकाल मंदिर के गर्भगृह की जलाधारी में मंगलवार को श्रद्धालु की रुद्राक्ष लगी सोने की चेन पंडित द्वारा लेकर चले जाने के मसले पर बताया जा रहा है कि पंडित का महाकाल मंदिर या मंदिर के अधिकृत पुजारी-पुरोहित से कोई संबंध नहीं है। इसके बाद मंदिर में बाहरी पंडित-पुजारी के प्रवेश पर सवाल खडे़ हो गए हैं। बाहर के पंडित और पुरोहितों के महाकाल मंदिर में बगैर अनुमति के पूजन-पाठ कराने की जानकारी मिलने के बाद एक माह पहले महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर शशांक मिश्र ने मंदिर में बिना परिचय पत्र प्रवेश कर घूमने वाले लोगों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासक के माध्यम से मंदिर के कर्मचारी,पुजारी और पुरोहित को परिचय पत्र लगाने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के निर्देश के बाद मंदिर समिति के कुछ ही सेवक परिचय पत्र लगा रहे हैं। मंदिर के पुजारी-पुरोहित और इनके अधिकांश प्रतिनिधि निर्देश का मखौल उड़ा रहे हैं। मंदिर के अधिकारी भी कलेक्टर के आदेश का पालन कराने में रुचि नही ले रहे हैं।
कई बार शिकायतें पहुंची
कलेक्टर के पास कई बार शिकायतें पहुंची थी कि मंदिर में पुजार-पुरोहितों के नाम पर उनके साथ में कार्य करने का हवाला देकर कई अनाधिकृत लोग परिसर में घूमते हैं। ऐसे लोगों के पास मंदिर समिति का अधिकृत कोई परिचय पत्र भी नही है। इसके बाद कलेक्टर ने मंदिर प्रशासक को पुजारी-पुरोहित और इनके प्रतिनिधियों की नई जानकारी लेकर परिचय पत्र लगाना अनिवार्य किया था। निर्देश के पीछे उद्देश्य यह है कि इस व्यवस्था से बाहरी लोगों का अनाधिकृत प्रवेश पर रोक लग सकेगी। उल्लेखनीय है कि कई अनाधिकृत लोग महाकाल मंदिर में पुजारी-पुरोहितों और इनके प्रतिनिधियों के नाम पर चौकी गेट से प्रवेश करते हैं। इनके साथ इनके जजमान भी रहते हैं। पुलिस कर्मचारी और मंदिर के सेवक भी बिना परिचय पत्र के ऐसे लोगों को प्रवेश कराते रहते हंै।

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