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आंगनवाडिय़ों के लिए नहीं मिल रहे खाली आंगन

locationउज्जैनPublished: Nov 12, 2017 12:21:44 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

उलझा निर्माण कार्य – भवन निर्माण के लिए डेढ़ वर्ष में भी निगम उपलब्ध नहीं करा पाया जमीन

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उज्जैन. शहर की कई आंगनवाडिय़ां अपने नए भवन से वंचित है। यह स्थिति तब है जब राशि उपलब्ध और ठेका निर्धारण हुए लगभग डेढ़ वर्ष हो चुका है। इतने लंबे समय बाद भी नगर निगम अब तक जमीन की ही तलाश कर रहा है।
नगर निगम की कई योजनाओं में ठेका निर्धारण के बावजूद निर्माण कार्य शुरू नहीं हुए हैं वहीं कुछ ऐसे प्रोजेक्ट भी हैं, जिनमें निगम की ओर से आवश्यक व्यवस्था नहीं कर पाने से कार्य प्रभावित हो रहे हैं। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण ऐसा ही एक प्रोजेक्ट है, जो जमीन की कमी के चलते उलझ गया है। दरअसल महिला एवं बाल विकास की ओर से शहर में २० आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण करवाया जाना है। इसके लिए नगर निगम को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया है। करीब दो करोड़ रुपए से होने वाले निर्माण के लिए विभाग १.५६ करोड़ रुपए का अनुदान भी दे चुका है। इसके बावजूद डेढ़ वर्ष में सिर्फ १० आंगनवाड़ी भवनों का ही निर्माण हो पाया है। निर्माण में हो रही देरी के पीछे मुख्य कारण भवन के लिए रिक्त जमीन उपलब्ध नहीं हो पाना है। शुरुआत में विभाग व निगम ने जिन स्थानों का चयन किया था उनमें से ज्यादातर पर या तो अतिक्रमण है या मौके पर वह स्थान ही उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अब भी कई भवनों का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। इधर संबंधित ठेकेदार गिरीश जायसवाल स्थान उपलब्ध करवाने के लिए निगम से कई बार पत्र व्यवहार भी कर चुके हैं। ठेकेदार जायसवाल के अनुसार जहां भी स्थान उपलब्ध कराए गए हैं, आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया जा रहा है।

अब मिले दो स्थान
सूत्रों के अनुसार स्थान को लेकर ठेकेदार ने निगम को पत्र लिखा था। इसके बाद हाल में दो जगह गलच्या बस्ती व गौंड बस्ती में अतिक्रमण हटाकर जमीन उपलब्ध करवाई है। यहां ले-आउट मिलने के साथ निर्माण शुरू हो गया है।

८ भवन उलझे
शहर में प्रस्तावित २० आंगनवाड़ी केंद्रों में से १० का निर्माण हो चुका है वहीं हाल में दो नए भवनों का कार्य शुरू हुआ है। शेष ८ भवनों के लिए अब भी जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई है और निर्माण अधर में पड़ गया है। इन आठ भवनों में वार्ड ३४ में दो, वार्ड १६ में दो, वार्ड ४ में एक, भेरुपुरा में एक, गीता कॉलोनी में एक और वार्ड ११ मदिना नगर में एक आंगनवाड़ी भवन का निर्माण होना है। कुछ स्थानों पर अवैध बस्ती बसने, कुछ जगह स्थान उपलब्ध नहीं होने तो कुछ जगह निजी स्वामित्व का दावा होने के कारण निर्माण शुरू नहीं हो पाए हैं। भेरुपुरा में निगम ने एक अन्य स्थान चिन्हित किया है, लेकिन हाइटेंशन लाइन होने से निर्माण संभव नहीं हो पा रहा है।

इसलिए उलझी योजना
टेंडर से पूर्व निगम व महिला बाल विकास ने जमीनों का चिन्हांकन किया था। शासकीय जमीन के लिए राजस्व विभाग से भी जानकारी ली गई थी। सूत्रों के अनुसार मौका मुआयना किए बिना ही स्थानों को सूचीबद्ध कर निर्माण के लिए ठेका दे दिया गया। ठेका होने के बाद जब निर्माण शुरू करने की स्थिति आई तो मौके पर कई जगह अतिक्रमण, आवासीय बस्ती व अन्य समस्याएं सामने आईं और निर्माण शुरू नहीं हो पाया।

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