साधुओं में था आक्रोश
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित आसाराम के आश्रम में घुसकर तोडफ़ोड़ की गई थी। सिंहस्थ कुंभ मेले के लिए आसाराम का आश्रम निर्मोही अखाड़ा से जुड़े साधुओं को प्रशासन की ओर से रहने के लिए दिया गया था। उसके बाद साधु आश्रम में पहुंच गए और वहां आसाराम से जुड़ी हर चीज को तोड़ा-फोड़ा गया। आश्रम में लगी उनकी तस्वीरों और हॉर्डिंग्स को फाड़ दिया था।
गंगाजल से धोकर किया था पवित्र
सिंहस्थ के दौरान निर्मोही अखाड़े के साधुओं ने आश्रम में प्रवेश करने से पहले आश्रम को गंगाजल से धोकर पवित्र किया था। आसाराम समर्थकों को आश्रम खाली करने के लिए बोला गया था, लेकिन उन्होंने समय पर खाली नहीं किया था। जिसके बाद साधुओं ने आश्रम में तोड़-फोड़ की थी।
संत के नाम पर बताया कलंक
उज्जैन के मंगलनाथ जोन में आसाराम बापू के आश्रम को श्रीपंच राधावल्लभ निर्मोही अखाड़ा के साधुओं ने पोस्टर हटा दिए थे। आश्रम में तोडफ़ोड़ की थी। साधुओं ने गंगाजल से आश्रम का शुद्धिकरण किया था और साधुओं ने आसाराम को संत के नाम पर कलंक बताया था।
आज सुनसान पड़ा है आश्रम
करीब चार साल के बाद दुष्कर्म के आरोप में फंसे आसाराम के फैसले की घड़ी आई तो उज्जैन स्थित उनके आश्रम में वीरानी छाई हुई थी। उनके समर्थकों से जब चर्चा की तो उनका कहना था कि कानून सबके लिए समान है, जो भी फैसला होगा, हम उसे स्वीकार करेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से रहकर शहर की फिजां को बिगडऩे नहीं देंगे। पुलिस में भी हम लोगों ने पहले ही आवेदन दे दिया था कि यदि हमारे आश्रम की आड़ में कोई असामाजिक तत्व किसी प्रकार का उपद्रव करे, तो उसके लिए वह स्वयं दोषी होगा।
आश्रम में किए भजन
आसाराम बापू के फैसले का दिन होने से बुधवार अंकपात स्थित उनके आश्रम में सुबह कुछ लोग पहुंचे और भजन-कीर्तन आदि किया।