उज्जैन

video : वैदिक रीति से मोक्षदायिनी शिप्रा में प्रवाहित हुई अटलजी की अस्थियां

नाव द्वारा शिप्रा नदी के मध्य में जाकर अटलजी की अस्थियां प्रवाहित कीं। इसके पूर्व अटलबिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा शहर में निकाली गई।

उज्जैनAug 24, 2018 / 06:42 pm

Lalit Saxena

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उज्जैन. पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की अस्थिकलश यात्रा शुक्रवार को शहर में निकाली गई। यात्रा के दौरान अटलजी को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। यात्रा नानाखेड़ा से आरंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई रामघाट पर समाप्त हुई, जहां शिप्रा के जल में उनकी अस्थियों को प्रवाहित किया गया।

मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं
लौटकर फिर आऊंगा, कूच से क्यों डरुं

नाव में बैठकर बीच शिप्रा में प्रवाहित की अस्थियां
क्या आम, क्या खास, क्या बच्चे, क्या वृद्ध सभी ने अटलजी को श्रद्धांजलि दी। अटलजी की अस्थि कलश यात्रा शहर में निकाली गई। पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियां मोक्षदायिनी शिप्रा में वैदिक रीति से प्रवाहित हुई। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पारस जैन, मंत्री लालसिंह आर्य, विधायक डॉ. मोहन यादव, सुदर्शन गुप्ता एवं अन्य गणमान्य नागरिकों ने नाव द्वारा शिप्रा नदी के मध्य में जाकर अटलजी की अस्थियां प्रवाहित कीं। इसके पूर्व अटलबिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा शहर में निकाली गई।

मंदिर में रातभर रखा रहा अस्थिकलश
गौरतलब है कि भोपाल से ऊर्जा मंत्री पारस जैन गुरुवार रात्रि को अस्थि कलश लेकर आये थे। उज्जैन पहुंचकर रात्रि में यह कलश स्वामीनारायण मन्दिर के परिसर में रखा गया। शुक्रवार सुबह 9 बजे यह यात्रा पं. दीनदयाल प्रतिमा नानाखेड़ा से प्रारंभ हुई। यात्रा के पूर्व अस्थि कलश पर जनप्रतिनिधियों और आमजन ने पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद पं. दीनदयाल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये गये। इसके बाद एक खुले वाहन पर अस्थि कलश रखा गया, ताकि आमजन कलश के दर्शन कर सकें। यात्रा नानाखेड़ा से प्रारम्भ होकर सिंधी कॉलोनी, तीन बत्ती चौराहा, टॉवर, चामुण्डा चौराहा, मालीपुरा, दौलतगंज, कण्ठाल, गोपाल मन्दिर और पानदरीबा होते हुए रामघाट पहुंची।

लोगों ने भावुक होकर दी श्रद्धांजलि
अस्थि कलश यात्रा के दौरान सभी आयु वर्ग के लोगों ने भावुक होकर अटलजी को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। शासकीय विजयाराजे सिंधिया विद्यालय, गुजराती समाज भवन, शाउमावि फाजलपुरा और अन्य विद्यालयों के बच्चों ने भी पूर्व प्रधानमंत्री के अस्थि कलश पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया। रामघाट पहुंचने के पश्चात पुरोहितों द्वारा पूरे विधि-विधान से और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अस्थि कलश की पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय, यूडीए अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल, विधायक नागदा दिलीपसिंह शेखावत, बडऩगर विधायक मुकेश पण्ड्या, बाबूलाल जैन, सोनू गेहलोत, महापौर मीना जोनवाल, दिवाकर नातू, कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला, इकबालसिंह गांधी, बंशीलाल गुर्जर, अशोक प्रजापत, महामण्डलेश्वर शान्तिस्वरूपानन्द महाराज, रामानुजकोट के रंगनाथाचार्य महाराज एवं अन्य गणमान्य नागरिक व आम जनता मौजूद रहे।

अटलजी का स्मरण कर अनुभव किए साझा
रामघाट पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में अटलबिहारी वाजपेयी का स्मरण करते हुए गणमान्य नागरिकों ने अपने अनुभव साझा किये। मंत्री जैन ने इस अवसर पर कहा कि उन्होंने सदैव अटलजी की कविताओं और उनके भाषण से प्रेरणा ली है। अटलजी के प्रधानमंत्री रहते हुए विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। पोखरन में उनके द्वारा करवाये गये परमाणु परीक्षण से देश परमाणु तकनीक में आत्मनिर्भर बना और सारे विश्व ने भारत की ताकत का लोहा माना। प्रदेश और देश को निरन्तर विकास के पथ पर प्रगतिशील करके ही हम अटलजी को सच्ची श्रद्धांजलि दे पायेंगे। हमें उनके राष्ट्र विकास के संकल्प को पूरा करना है।

समाज को समरसता से जोड़ते थे अटलजी
बाबूलाल जैन ने इस अवसर पर कहा कि अटलजी अपने नाम के साथ-साथ कर्म में भी अटल थे। कुछ वर्ष पूर्व अटलजी के साथ उन्हें कुछ समय बिताने का मौका मिला था। पहली बार अटलजी एक कवि के बतौर उज्जैन आये थे। अटलजी समाज को समरसता से जोडऩे और सभी वर्गों के विकास में विश्वास करते थे। देश के विकास और विश्व की शान्ति को बनाये रखने में हम सभी को योगदान देना चाहिये। इसके पश्चात अतिथियों द्वारा 2 मिनिट का मौन रखकर अटलजी को श्रद्धांजलि दी गई।

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