एसट्रोसिटी एक्ट के विरोध अब धीरे-धीरे व्यापक होता जा रहा है। करणी सेना और सपाक्स के अभियान को अब आमजन का समर्थन भी मिलने लगा है। दोनों ही संगठन ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे है। सोमवार को बाबा महाकाल के दर्शन लेने के लिए आने वाले भक्तों को भी एक्ट के विरोध का नजारा देखने को मिलेगा। शाही सवारी के का पूरा मार्ग विरोध पोस्टर से पट चुका है।
यह है पोस्टर में संदेश
पोस्टर में सीधे तौर पर लिखा है कि मैं और मेरा परिवार एट्रोसिटी एक्ट का विरोधी है। हम आर्थिक आधार पर आरक्षण के पक्षधर है। ऐसे विचारों को विरोध करने वाले राजनैतिक दल हम से वोट की अपील व उम्मीद न रखें।
सपाक्स में समर्थन में उतरे लोग
उज्जैन में अभी तक राजनेताओं का विरोध नहीं हुआ है, लेकिन सजाक्स की गतिविधि काफी तेजी से जारी है। समाज के लोग अभियान को हर तरह से समर्थन कर रहे है। टॉवर चौक पर हस्ताक्षर अभियान जारी है। अब शाही सवारी में आने वाले भक्तों तक भी अपनी बात पहुंचाई जा रही है।
कैम्पस में करणी का अभियान
करणी सेना अब आरक्षण विरोधी अभियान को लेकर कैम्पसों में तेजी से सक्रिय हो गई। करणी सेना में काम कर रहे अधिकांश लोग सर्वण समाज के है। वह भी एट्रोसिटी के साथ नोटा अभियान चला रहे है। यह अभियान सोश्यल मीडिया पर भी छाया हुआ है।