प्रदेश के विकास प्राधिकरणों के लिए शासन ने नए सिरे व्ययन नियम जारी किए हैं। इसके तहत ही प्राधिकरण के मकान-भूखंड को फ्री होल्ड करने के पूर्व के नियमों को लागू कर दिया गया है। इसमें प्राधिकरण से मकान-भूखंड लेने वाला हितग्राही एकमुश्त राशि भरकर अपनी संपत्ति फ्री होल्ड करवा सकता है। इसमें उन्हें सालाना लीज की राशि जमा नहीं करना पड़ेगा। प्राधिकरण में जनवरी 2017 से पहले फ्री होल्ड के आदेश लागू हो गए थे। इसके तहत करीब 200 से 250 मकानों को फ्री होल्ड भी कर दिया गया था। बाद में इस पर नियमों की विसंगति के चलते रोक लगाते हुए शासन से नए सिरे से मार्गदर्शन मांगा था। नए व्ययन नियम पर इस पर स्थिति साफ करते हुए लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। 25 कॉलोनियों के 30 हजार मकान-भूखंड मालिक लाभ उठा सकते हैं।
यह है फ्रीहोल्ड नियम
प्राधिकरण से मकान-भूखंड लेने पर हितग्राही से अलग-अलग सालाना लीज राशि लेता है। यह लीज राशि 90 वर्ष तक के लिए होती है। फ्री होल्ड में हितग्राही को संपत्ति का वर्तमान गाइड लाइन मूल्य का एक फीसदी तथा समपरिवर्तन शुल्क करीब 1 फीसदी जमा करवाकर लीज राशि से मुक्ति प्राप्त कर सकता है।
फायदा : सालाना लीज राशि जमा नहीं करना पड़ेगी। लीज राशि समय पर नहीं भरने से पेनल्टी भी देना पड़ती थी। ऋषिनगर क्षेत्र में ही एक हजार वर्गफीट के कान में 3-4 हजार रु., श्रीविशाला में 18-19 हजार तथा त्रिवेणी व शिप्रा विहार योजना में 7-8 हजार रु. सालाना लीज राशि भरना होती है।
शासन के नए व्ययन नियम आ गए है। इसमें प्राधिकरण की संपत्तियों को फ्री होल्ड करने के आदेश हैं।
– अभिषेक दुवे, सीइओ, यूडीए