पुलिस ने भी परिजनों को मामले की प्रगति रिपोर्ट, जांच के बिन्दु के साथ दिव्य की गुमराह करने वाली कहानी भी बताई। दामाद कृष्णवल्लभ गुप्ता पर उनके लगाए समस्त आरोपों को भी जांच के बाद पुलिस ने नकार दिया। इधर, बच्चे दस दिन बाद पिता से मिले। गुप्ता ने उन्हें गले लगाते हुए उनके साथ काफी समय बिताया। बच्चे अपने मामा विवेक के साथ उदयपुर पहुंचे थे। हालांकि उनके भविष्य को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि शीघ्र पीहर पक्ष व गुप्ता के मध्य वार्ता के बाद बात आगे बढ़ेगी।
गौरतलब है कि गत 1 दिसम्बर को दिव्य पुत्र अरविन्द कोठारी ने शहर के भूपालपुरा स्थित ऑर्बिट कॉम्पलेक्स-1 के फ्लेट नम्बर 702 में घुसकर रुचिता की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी थी। रिमांड पर चल रहे आरोपी के बारे में पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर ली है। पुलिस उसे रविवार को न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजेगी।
READ MORE: हरिद्वार के लिए रवाना हुए हार्दिक पटेल, चित्तौड़ में किए सांवलियाजी के दर्शन साहब बचना नहीं चाहिए आरोपित रुचिता की हत्या के बाद उसके पिता दुलीचंद व भाई विवेक ने पुलिस को हत्या की रिपोर्ट देते हुए दामाद पर आरोप मढ़े थे। पुलिस ने पीहर पक्ष को घटनाक्रम व तफ्तीश से अवगत करवाते हुए बताया कि घटना वाले दिन केबी गुप्ता 8.30 से 11.15 तक कॉलेज में थे और उनकी लोकेशन भी वहीं थी। कॉलेज के सीसीटीवी फुटेज में भी वे कैद हुए। हत्याकांड में सिर्फ दिव्य शामिल है। उसके अलावा किसी और के शामिल होने के कोई सबूत नहीं मिले। पुलिस ने तफ्तीश-तथ्यों को उन्हें दिखाकर संतुष्ट किया। परिजनों ने पुलिस से कहा कि वे आरोपित के विरुद्ध ठोस साक्ष्य व सूबत पेश करे ताकि वह बच नहीं सके।
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फिल्में देख बनाई थी कहानी पुलिस ने दिव्य से हत्या के बाद वह जहां-जहां गया उन सब जगहों की तस्दीक कर ली है। पुलिस ने सुखेर, बड़ी, मावली, देहलीगेट, सौ फीट, सुन्दरवास आदि जगहों को टटोला। जहां से उसने सामान खरीदना बताया वहां भी पूछताछ की। आरोपी ने स्वीकार किया कि कई फिल्में व क्राइम सीरियल देखकर ही उसने पूरी कहानी बनाते हुए पुलिस को गुमराह किया। उसने हवस की चाह पूरी नहीं होने पर ही रुचिता की हत्या की।