आचार्यश्री का प्रवेश बैण्डबाजे, धर्म ध्वजा के साथ हुआ, समाजजनों ने उत्साह से उनकी अगवानी की। उन्होंने प्रवचन में कहा कि हमें पूर्व जन्म के पुण्योदय से यह मानव जीवन मिला है, इसे हमें सद्कार्य में लगाना चाहिए। मैं जैन हूं महावीर परमात्मा का अनुनायी हूं, यह बात हमारे मन में सदा होना होगी तो ही हम अपने पुराने गौरव को प्रतिष्ठित कर सकेंगे। स्वागत उद्बोधन ट्रस्ट सचिव राजेश पटनी ने दिया। आदिनाथ महिला मंडल, बहु भक्ति मंडल ने गुरुभक्ति गीत प्रस्तुत किया। ध्वजारोहण व साधार्मिक वात्सल्य का लाभ लालचंद, दीपेशकुमार रांका परिवार ने लिया। ट्रस्ट की ओर से उनका बहुमान किया गया। संचालन राजेंद्र बांठिया ने किया व आभार राजेंद्र पालरेचा ने माना।
आचार्य के साथ ये मुनि मंडल
आचार्यश्री के साथ मुनिराज मुक्तिप्रभ सागरजी मसा, मयंकप्रभ सागर, मैहुलप्रभ सागर, बालमुनि मलयप्रभ सागर भी पधारे है। प्रवचन सभा में साध्वी सुरेखाश्रीजी भी उपस्थित रहे। इन्होंने सभी से अवंतिपाश्र्वनाथ तीर्थ प्रतिष्ठा में संगठित रूप से जुटने की प्रेरणा दी। धर्मसभा में विमल पगारिया, प्रवीण ओरा, प्रकाशचन्द्र कंकरेचा, निर्मल सकलेचा, यशवंत बोहरा, विजय पगारिया, संजय खेमसरा आदि मौजूद रहे।
कार्तिक मेला मैदान पर होगा महोत्सव
अवंतिपाश्र्वनाथ तीर्थ प्रतिष्ठा महोत्सव 18 फरवरी को आयोजित होगा। 10 वर्षों से मंदिर जीर्णोद्धार चल रहा है, जिसका काम अब अंतिम चरणों में है। आचार्यश्री की निश्रा में 10 दिनी महोत्सव कार्तिक मेला मैदान पर होगा। दो बड़े डोम लगेंगे व विभिन्न प्रदेशों से हजारों समाजजन महोत्सव में शिरकत करेंगे। अवंतिका नगरी बसाकर इसमें धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे।