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कोरोना वायरस: श्रद्धालु जहां हैं, वहीं करें पुण्य स्नान, आने से बढ़ जाएगी सबकी परेशानी

locationउज्जैनPublished: Mar 19, 2020 10:31:00 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

Ujjain News: कोरोना वायरस से जागरुकता ही बचाव है, धर्मगुरुओं ने कहा पर्व स्नान के लिए जो जहां हैं, वहीं से करें तीर्थ स्थलों का आह्वान

Awareness of corona virus is the only protection, the religious leader

Ujjain News: कोरोना वायरस से जागरुकता ही बचाव है, धर्मगुरुओं ने कहा पर्व स्नान के लिए जो जहां हैं, वहीं से करें तीर्थ स्थलों का आह्वान

उज्जैन. आने वाले दिनों में व्रत-पर्व और त्योहारों की झड़ी लगने वाली है। इनमें मुख्य रूप से भूतड़ी अमावस, चैत्र नवरात्र, चेटीचंड व अन्य कई पर्व आ रहे हैं। वर्तमान में कोरोना वायरस का प्रभाव पूरे विश्व में फैल रहा है, ऐसे में धर्मगुरुओं ने कहा है कि श्रद्धालु जहां हैं, वहीं करें पुण्य स्नान, आने से उनकी ही नहीं, बल्कि सभी की परेशानी बढ़ सकती है। जागरुकता व स्वच्छता से ही हम इस संक्रामक वायरस का सामना कर सकते हैं।

ये बोले धर्मगुरु….
सनातन धर्म में बताए गए नियम और अन्य संस्कार हमारे लिए बहुत प्रमुख हैं, लेकिन जीवन पर यदि कोई संकट मंडरा रहा हो, तो उसके लिए समय के अनुसार चलना ही श्रेष्ठ रहता है। पर्व-त्योहारों पर अधिक भीड़ न हो, एकसाथ यह हम सबको मिलकर संकल्प लेना चाहिए, ताकि संक्रामक रोग से हम लड़ सकें। – महंत विनीत गिरी महाराज, महानिर्वाणी अखाड़ा।

आगामी 24 मार्च को भूतड़ अमावस्या का पर्व होगा। इस दिन लाखों की तादात में ग्रामीण व शहरवासी क्षिप्रा स्नान के लिए पहुंचते हैं। इन दिनों कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए कम से कम भीड़ रखने की बात प्रशासन द्वारा कही जा रही है। ऐसे में शहर में आकर पुण्य सलिला मां क्षिप्रा में स्नान करने आने की बजाए जो जहां है, वहीं से तीर्थ स्थल का आह्वान करें। उन्हें वही पुण्य फल प्राप्त होगा। – ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास।

तीर्थ स्थलों पर अधिक भीड़भाड़ न लगाएं, क्योंकि अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के आने से यहां संक्रमण का खतर बढ़ जाएगा। इसलिए बाहरी श्रद्धालु शहर न आएं। – पं. नारायण उपाध्याय, धर्माधिकारी तीर्थ पुरोहित शंकराचार्य परंपरा

समय के साथ चलने में ही सबकी भलाई है। जो लोग इस बात को नहीं मानते, वे आने वाले समय में खुद तो परेशान होते ही हैं, अन्य के लिए भी परेशानी का सबब बनते हैं। इसलिए जीवन रहा तो देव दर्शन और पुण्य स्नान बाद में भी होता रहेगा। जागरुक रहें, सतर्कता बरतें और अपने आसपास सफाई रखें। – परमहंस डॉ. अवधेशपुरी महाराज।

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