पैदल कांवर यात्रा लेकर चलते हैं
इस पर प्रशासन द्वारा निर्देश देकर यह कहा गया है कि सावन माह में कावड़ यात्रा उज्जैन शहर में पूर्णतया प्रतिबंध है यह निर्णय सही नहीं है क्योंकि सावन का महीना भगवान सदाशिव की भक्ति का महीना रहता है और कई भक्त अपनी अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर पैदल कांवर यात्रा लेकर चलते हैं अगर उनको रोक दिया जाएगा तो उनकी ली हुए प्रतिज्ञा अधूरी रह जाएगी साथ ही सावन के महीने में जब भक्त भगवान शिव की भक्ति ही नहीं कर पाएंगे तो कई प्रकार के नाकामी के प्रश्न चिन्ह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार पर भी विपक्ष के द्वारा लगाए जाएंगे साथ ही आम नागरिक यह मांग करते हैं कि ओमकारेश्वर और महाकालेश्वर मंदिर में कावड़ यात्रियों के दर्शन के लिए प्लान रूपरेखा तैयार करें अधिकारी और फिर कावड़ यात्री आसानी से दर्शन करें ।
पुनः विचार योग्य निर्णय है
***** सोश्यल मिडिया के माध्यम से ध्यान में आया की आज से उज्जैन शहर कि समस्त दुकानें खोली जाएगी, महाकाल मंदिर में दर्शन का समय भी बड़ाया गया यह दोनों ही निर्णय स्वागत योग्य हैं ! परन्तु इन्ही निर्णयो के साथ उज्जैन में कावड़ यात्रियों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना न्यायोचित ना होकर पुनः विचार योग्य निर्णय है । मेरा उज्जैन शहर के समस्त जनप्रतिनिधियों से आग्रह हैं कि कावड़ यात्रा हमारी आस्था का विषय हैं जिस प्रकार हम अन्य गतिविधियों को शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार अनुमति दे सकते हैं ठिक उसी प्रकार कावड़ यात्राओं को भी (कोविड 19) के प्रोटोकॉल का पालन करा कर जल चढ़ाने एवं महाकालेश्वर जी के दर्शन की व्यवस्था कराई जाना चाहिए…यह नितांत मेरे व्यक्तिगत विचार है..!”
– प. आकाश चौबे (युवराज) जिलाध्यक्ष, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज युवा मोर्चा