दिल्ली के लिए रवाना हुए थे
मृतक महिला परिवार के साथ ०४ मार्चको मुंबई की हाजी अली दरगाह से दर्शन कर मुंबई-फिरोजपूर जनता एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। रात 10 बजे ट्रेन के नागदा पहुंचने के पूर्वही रतलाम के समीप सकिना खातून पति जहीर खान उम्र 8 0 वर्ष निवासी बांग्लादेश को हृदयघात की शिकायत हो गई। स्थानीय प्लेटफार्म पर ट्रेन रुकने के बाद जीआरपी की मदद से सकिना खातून को उपचार के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। बांग्लादेश में बैठे मृतक के समाजजन व परिवार के लोगों को नागदा से इंटरनेट के माध्यम से मृतक का चेहरा दिखाया गया।
भाषा के कारण पुलिस हुई परेशान
सफर के दौरान बुजूर्ग महिला के साथ उनके पड़ोसी मौजूद थे। पुलिस के अनुसार बांगलादेश के निवासी होने के कारण वे हिन्दी नहीं जानते थे, जिसके कारण काफी दुविधा हुई। उनके साथ एक बच्चा था जो थोड़ी थोड़ी हिन्दी समझ रहा था उसने जीआरपी को बताया कि हम सभी बागलादेश से भारत की दरगाह की जीयारत करने के लिए आए थे मुंबई से दिल्ली जा रहे थे दिल्ली दर्शन करने के बाद कलकत्ता जाना था, लेकिन नागदा और रलताम के बीच हादसा हो गया।
शव बांग्लादेश ले जाना चाह रहे थे
परीजन पहले तो महिला का शव बांग्लादेश ले जाना चाह रहे थे, चार दिन तक महिला को बांगलादेश ले जाने की कोशिशे चलती रही, लेकिन 9 मार्च को उनके पडोसियों ने नागदा में सुपूर्द ए खाक करने का निर्णय लिया। ऐसे में मुस्लिम समाज के स्थानीय लोगों से सम्पर्क किया। चंबल मार्ग स्थित हुसैन मदरसे में गुस्ले देने के बाद चेतनपुरा कब्रस्तान में सुपूर्द ए खाक किया गया। इस दौरान समाज के वरिष्ठ अब्दुल हमीद, जामा मस्जिद के सदर मुन्ना लाला, सचिव अमजद लाला, जाकीर खान गुड्डु, शाकीर मसंूरी, फय्याज लाला, रशीद मंसूरी, जाकीर बाऊला, आरिफ मंसूरी सहित स्थानीय समाजजन मौजूद थे।