scriptबैंक के संविदा कम्प्यूटर ऑपरेटर हुए बेरोजगार | Bank contract computer operator unemployed for 2 months | Patrika News

बैंक के संविदा कम्प्यूटर ऑपरेटर हुए बेरोजगार

locationउज्जैनPublished: Oct 22, 2021 05:30:13 pm

Submitted by:

Hitendra Sharma

ब्रांच मेनेजर नहीं कर रहे हस्ताक्षर, सेवा अवधि बढ़ने पर लगा ब्रेक

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उज्जैन. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में कार्यरत 30 संविदा कम्प्यूटर ऑपरेटर पिछले दो महीने से बेरोजगार हैं। बैंक प्रबंधन ने अब तक इनकी सेवा अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं भेजा है। प्रस्ताव नहीं भेजने के पीछे घट्टया शाखा में हुए गबन में एक कम्प्यूटर ऑपरेटर का संलिप्त होना है। लिहाजा शाखा प्रबंधकों से इनके रखने को लेकर शपथ पत्र मांगा जा रहा है। शाखा प्रबंधक देने को तैयार नहीं है। ऐसे में सालों से काम कर रहे ऑपरेटरों का भविष्य खतरे में पड़ गया है।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की 30 शाखाओं में 30 संविदा कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्यरत है। इन ऑपरेटरों के हर छह महीने में सेवा अवधि बढ़ाई जाती है। इस बार 31 अगस्त को इनकी अवधि पूरी हो गई है लेकिन अब तक इसे बढ़ाया नहीं गया है। हालांकि कुछ ऑपरेटर शाखा प्रबंधकों के कहने पर अब भी काम करने जा रहे हैं।

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सेवा अवधि नहीं बढ़ने पर ऑपरेटर बता रहे हैं कि प्रदेश में 26 जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों ने प्रस्ताव भेजकर ऑपरेटरों की सेवा अवधि बढ़ा ली है। उज्जैन में अब तक इस दिशा में कदम नहीं उठाया है। जबकि बैंक प्रबंधन अन्य बैंकों की तरह प्रस्ताव भेजकर अवधि बढ़ा सकती है। वहीं बैंक सीइओ विशेष श्रीवास्तव का कहना है कि ऑपरेटरों को नौकरी पर रखने के लिए प्रबंधकों से शपथ-पत्र मांगा है, वह मिलता है तो सभी को नौकरी पर रखने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। अब तक प्रस्ताव नहीं भेजने के पीछे घटिटया शाखा में हुए गबन में एक ऑपरेटर भी शामिल था। इसलिए इन्हें रखने से पहले यह कवायद की गई है। इधर, ऑपरेटरों की परेशानी यह है कि उन्हें पहले ही उनका कम वेतन है और अगले महीने त्योहार भी है। यदि नौकरी नहीं लगने से उनका परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल होगा। जबकि दस सालों से नौकरी करते आ रहे हैं।

शाखा प्रबंधक नहीं कर रहे हस्ताक्षर
बैंक प्रबंधन की और से ऑपरेटरों की नौकरी के लिए शाखा प्रबंधकों से शपथ-पत्र भरवाया जा रहा है। ऑपरेटर बता रहे हैं कि शाखा प्रबंधक शपथ-पत्र पर हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं है। प्रबंधक बोल रहे है कि पहले इस तरह शपथपत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए तो अब क्‍यों करवा रहे है। लिहाजा ऑपरेटरों की सेवा अवधि का प्रपोजल भी अटका हुआ है।

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