उज्जैनPublished: Apr 25, 2018 12:48:54 am
Lalit Saxena
बगैर ओटीपी दिए खाते से हो गए २५ हजार रुपए चोरी
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उज्जैन. आपके बैंक अकाउंट की राशि सुरक्षित नहीं है। डार्क वेब में बिक रहे क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिए बगैर ओटीपी नंबर के भी आपके बैंक अकाउंट से ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए पैसों की चोरी हो सकती है। ऐसा ही एक मामला हाल ही में देखने को मिला। जिसमें खाताधारी के अकाउंट से २५ हजार रुपए की ऑनलाइन शॉपिंग हो गई। घटना का पता तब चला जब उसके मोबाइल पर मैसेज प्राप्त हुए। घटना के बाद खाताधारी ने बैंक से संपर्क किया लेकिन उन्होंने इसकी जिम्मेदारी लेने से साफ इनकार कर दिया। मामले की शिकायत स्टेट साइबर में की गई है। साइबर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
बैंक ने नहीं ली जिम्मेदारी : राजीव गांधी नगर निवासी प्रभुलाल यादव का इंडियन ओवरसीज बैंक में खाता संचालित करते हैं। प्रभुलाल ने बताया कि उनके मोबाइल पर ऑनलाइन शॉपिंग का मैसेज आया। चार बार में २५००० की खरीदी की गई। उनके पास किसी प्रकार का फोन और ओटीपी नंबर नहीं आया। बगैर ओटीपी के ही अकाउंट से पैसे चले गए। घटना के बाद वे बैंक मैनेजर से जाकर मिले तो उन्होंने इसकी जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद वे बैंक स्टेटमेंट लेकर स्टेट साइबर कार्यालय पहुंचे। जहां मामले की शिकायत की। साइबर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
डार्क वेब में बिक रहे आपके कार्ड
इंटरनेट पर डार्क वेब जोन होता है। ये कम्प्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित होने इंटरनेट के पीछे का जोन होता है, जहां ऑनलाइन की जाने वाली खरीदी, बिक्री, ट्रांजेक्शन आदि की डिटेल को साइबर चोर हैक करते हैं। हैकर आपकी क्रेडिट, डेबिट कार्ड, पासवर्ड, बैंक डिटेल को हैक करके इस डार्क जोन पर वेब करंसी बिटक्वाइन में बेचते हैं।
साइबर क्रिमिनल से मिली थी एक लाख कार्ड की डिटेल
हाल ही में स्टेट साइबर की टीम ने इस प्रकार के हैकर को मुंबई से पकड़ा था। इसके पास से एक लाख क्रेडिट और डेबिट कार्ड की डिटेल मिली थी। इसके बाद साइबर पुलिस ने कार्डधारियों को कार्ड बंद करवाने की सूचना जारी की थी।
बगैर ओटीपी के चोरी संभव
डार्क वेब करोड़ों की संख्या में हैकर कार्ड्स की डिटेल बेचते हैं। ये हैकर केवल डिटेल ही बेचने का काम करते हैं। इसके बाद जो हैकर इन डिटेल को खरीदते हैं। वे अकाउंट से राशि चुराने का काम करते हैं। इसके जरिए बगैर ओटीपी के भी बैंक अकाउंट से राशि चोरी हो जाती है। मामले की शिकायत मिली थी। इस प्रकार के केसेस में समय लगता है। मुंबई से भी साइबर क्रिमिनल को काफी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया गया था। मामले की जांच कर रहे हैं। आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जाएंगे।
दीपिका शिंदे, स्टेट साइबर प्रभारी