तपती दोपहरी में सुनी लोगों ने भविष्यवाणी
चैत्र नवरात्रि पर मेले के अंतिम दिन यज्ञ की पूणार्हुति के साथ मां महिषासुर मर्दनी मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ सवारी निकली और मलेनी नदी के बीच बने गोठड़ा माताजी के चबूतरे से पंडा नागूलाल चौधरी ने भविष्यवाणी शुरू की। भविष्यवाणी रविवार दोपहर दो बजे ग्राम गोठड़ा में मलेनी नदी के बीच स्थित चबूतरा पर पंडा नागूलाल चौधरी ने हजारों की संख्या में मौजूद जनसमुदाय को सुनाई। भविष्यवाणी सुनने आए 20 हजार से अधिक लोगों की सुरक्षा के लिए रविवार को एसडीएम. तहसीलदार, नायब तहसीलदार, टीआइ सहित पुलिस व प्रशासन के अधिकारी तैनात रहे।
भविष्यवाणी में कही ये बातें-
-वैशाख में आंधी तूफान आएगा।
-जेठ में दुमड़ा (खंड वर्षा) के रूप में पानी गिरेगा।
-इस दौरान बोवनी नहीं करनी है।
-हल जोतने का मुहूर्त-तेरस गुरुवार को तीन से छह बजे तक रहेगा।
-बहता आषाढ़ की पूर्णिमा को बोवनी होगी।
-बोवनी दो बार हो सकती है।
-सोयाबीन में इल्ली का प्रकोप रहेगा।
-गर्मी का प्रकोप इतना रहेगा मानो आग बरस रही हो।
-वैशाख व जेठ माह में बीमारी का प्रकोप रहेगा।
-सावन भादौ में भी बीमारी रहेगी।
-भादव में अत्याधिक बारिश होगी।
-इस साल दुर्घटनाएं भी ज्यादा होंगी।

110 वर्षों से है परंपरा
गौरतलब है कि मलेनी नदी के बीच बने चबूतरे से भविष्यवाणी करने का यह क्रम पिछले 110 वर्षों से भी अधिक समय से चला आ रहा है। प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में चिलचिलाती धूप में पंडा ने आगामी वर्ष में घटने वाले घटनाक्रमों की भविष्यवाणी करते हुए यह भी कहा कि, इस संवत में बड़े नेता के साथ दुर्घटना घटित हो सकती है। महावीर हनुमान के हवन करना होगा। राजनीति में उथल पुथल रहेगा। राजा नहीं बदलेगा, गाय व माता-पिता की सेवा करें।