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यहां एक छक्के पर मिले 12 रन… बंद आंखों से छन-छन की आवाज पर मारे दनादन छक्के

locationउज्जैनPublished: Mar 26, 2018 01:21:21 am

Submitted by:

Gopal Bajpai

पहली बार हुए दृष्टिबाधित टी-१० विजनरी क्रिकेट टूर्नामेंट ने दर्शकों को चौंकाया… देखने वालों को यकीन नहीं हुआ कि ये बिना देखे चौके-छक्के जड़ रहे हैं

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उज्जैन. दृष्टिबाधितों के क्रिकेट से पहले जनप्रतिनिधियों के बीच एक-एक ओवर का मैत्री मैच हुआ। आंख पर पट्टी बांधकर इन अतिथियों ने जब बैटिंग बॉलिंग की तो इनमें से किसी बॉलर की बॉल स्टम्प के आसपास भी फटक पाई तो किसी बेट्समैन का बल्ला बॉल को छू तक नहीं सका। महज आनंद के लिए हुए इस मैच में हंसी-मजाक तो हुआ लेकिन यह भी समझ आ गया कि बिना देखे बॉल फेंकने या बैट से उसे टच करने जैसा साधारण कार्य भी कितना कठिन हो जाता है। यह अनुभव लेने के बाद जब टूर्नामेंट में दृष्टिबाधितों ने गेंद की आवाज पर चौके-छक्के मारे तो देखने वालों को यकीन ही नहीं हुआ कि यह बिना देखे बैटिंग-बॉलिंग कर रहे हैं।
रविवार को शहर में पहली बार दृष्टिबाधित दिव्यांगों के बीच टी-१० विजनरी क्रिकेट टूर्नामेंट हुआ। पॉलीटेक्निक कॉलेज के देवी अहिल्या महिला खेल परिसर में आयोजित टूर्नामेंट में दृष्टिबाधितों की चार टीमों के बीच १०-१० ओवर का मैच खेला गया। पहले ही मैच की पहली गेंद पर दृष्टिबाधित खिलाड़ी ने चौका जड़ा तो अधिकारी-जनप्रतिनिधियों सहित दर्शकों की तालियों से मैदान गूंज गया। इसके बाद बॉलिंग और बैटिंग के जबर्दस्त जौहर देखने को मिले।
मिलते हैं दो गुना रन
दृष्टिबाधितों की टीम में चार खिलाड़ी बी-१ (पूरी तरह दृष्टिहीन), ३ बी-२ (३ मीटर तक दिखता है) व ४ बी-४ (६ मीटर तक दिखता है) होते हैं। इनके क्रिकेट के नियम सामान्य क्रिकेट की तरह ही होते हैं, लेकिन रन का आकलन थोड़ा अलग होता है। बी-१ खिलाड़ी यदि चौका मारता है तो उसे दो गुना, यानी ८ रन माना जाता है। इसी तरह छक्के को १२ रन गिना जाता है। बॉलर को दिशा बताने के लिए कीपर आवाज लगाता रहता है।
कालीसिंध विजेता
टूर्नामेन्ट में कालीसिंध टीम विजयी रही। विजेता टीम को 51 हजार रुपए का चेक व ट्रॉफी भेंट की गई। उप विजेता गंभीर टीम को 31 हजार रुपए और ट्रॉफी और शिप्रा व चंबल को प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में 11-11 हजार रुपए का चेक दिया गया। भारतीय ब्लाइंड टीम के सदस्य सोनू गोलकर को बेस्ट बॉलर का पुरस्कार और ट्रॉफी दी गई। आनन्दक नीतेश की ओर से उन्हें वॉटर प्यूरीफायर भेंट किया गया। पुरस्कार वितरण डीआईजी रमणसिंह सिकरवार, कलेक्टर संकेत भोंडवे आदि ने किया।
मंत्रियों की टीम भीड़ी
अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत, ऊर्जा मंत्री पारस जैन, महापौर मीना जोनवाल, विधायक मोहन यादव, यूडीए अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल, सोनू गेहलोत, ओम जैन, इकबालसिंह गांधी, कलेक्टर भोंडवे, एसपी सचिन अतुलकर आदि मौजूद थे। अतिथियों ने पहले देवी अहिल्या महिला खेल परिसर में बनी दर्शक दीर्घा का लोकार्पण किया। मंत्री गेहलोत व जैन की कप्तानी में दो टीमें बनाकर एक-एक ओवर का मैत्री मैच खेला गया। गेहलोत ने आंख पर पट्टी बांधकर बैटिंग व जैन ने पट्टी बांधकर बॉलिंग की। बिना देखे न जैन ठीक से बॉलिंग कर पा रहे थे और नहीं गेहलोत बैटिंग। अन्य अतिथि खिलाडिय़ों ने भी पट्टी बांधकर बैटिंग-बॉलिंग की। सभी ने जमकर आनंद लिया। बाद में राष्ट्रीय टीम के दृष्टिबाधित खिलाड़ी सोनू गोलकर ने बॉलिंग कैसे करते हैं, दिखाया।

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