जहां जाते हैं युवक-युवतियां लेने लगते हैं सेल्फी
सचिन अतुलकर मात्र 22 साल की उम्र में अफसर बन गए थे। वे जहां भी जाते हैं युवक-युवतियां उनसे सेल्फी की रिक्वेस्ट करने लगते हैं। वे इतने बिजी शेड्यूल में भी अपनी फिटनेस को रेग्युलर टाइम देकर एक्सरसाइज करते हैं और ओकेजनली योगा भी करते हैं, यही उनकी फिटनेस का राज है। वे हमेशा दूसरों को भी फिट रहने के लिए प्रेरित करते हैं।
2007 बैच के पासआउट हैं सचिन
सचिन अतुलकर 2007 बैच के पासआउट हैं और वे मात्र 22 साल की उम्र में अधिकारी बन गए थे। उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद अटेंप्ट किया और पहली बार में ही सफल हुए। सचिन का जन्म भोपाल में हुआ था। उनके पिता फॉरेस्ट सविज़्स से रिटायर और भाई मिलिट्री में हैं। वे 1999 में राष्ट्रीय लेवल पर क्रिकेट खेल चुके हैं और उन्हें 2010 में गोल्ड मेडल भी मिल चुका है।
रोजाना देते हैं फिटनेस पर ध्यान
सचिन के अनुसार उन्होंने हमेशा अपनी फिटनेस पर ध्यान दिया और आज वे सभी के लिए मिसाल बन गए हैं। जब बॉडी बिल्डिंग को चुना तो उसके लिए उन्हें एक कोच का गाइडेंस मिला जिससे वे परफेक्ट बॉडी बनाने में सफल हुए। वे रोजाना एक्सरसाइज करते हैं और ओकेजनली योगा भी करते हैं। उनके अनुसार, एक्सरसाइज करने से स्ट्रेस दूर होता है और माइंड भी फ्रेश रहता है जिससे वे और अच्छे से अपनी ड्यूटी कर पाते हैं। बॉडी बिल्डिंग से एक अच्छे व्यक्तित्व, माइंड और बॉडी को डेवलप करता है।
राइडिंग में जीत चुके हैं गोल्ड
8 अगस्त 84 में भोपाल में जन्मे सचिन की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी हेल्थ कॉन्सियश रही है। स्कूल में पढ़ाई के साथ ही साथ सचिन स्पोट्सज़् में भी अच्छे रहे। खेल में विशेष रुचि के चलते वर्ष 1999 में सचिन ने क्रिकेट में राष्ट्रीय स्तर पर खेला। क्रिकेट के अलावा ट्रेनिंग के दौरान हॉसज़् राइडिंग को अपना शौक बनाया। यही वजह रही कि 2010 में हॉसज़् राइडिंग के राष्ट्रीय स्तर पर शो जंपिंग में अतुल को गोल्ड मेडल से नवाजा गया।