उज्जैनPublished: Mar 02, 2018 12:44:37 am
Lalit Saxena
मालीपुरा सांस्कृतिक मंच समिति द्वारा गुरुवार को मालीपुरा में अभा कवि सम्मेलन का ७१वां आयोजन किया गया
मालीपुरा सांस्कृतिक मंच समिति द्वारा गुरुवार को मालीपुरा में अभा कवि सम्मेलन का ७१वां आयोजन किया गया
उज्जैन. मालीपुरा सांस्कृतिक मंच समिति द्वारा गुरुवार को मालीपुरा में अभा कवि सम्मेलन का ७१वां आयोजन किया गया। रात करीब ११ बजे प्रारंभ हुए कवि सम्मेलन में सुबह तक श्रोताओं पर कवियों हास्य और काव्य की फुहार की। प्रत्येक वर्ष होली के अवसर पर आयोजित होने वाले इस कवि सम्मेलन में देश भर के कवि काव्य पाठ करते हैं। गुरुवार रात को हुए इस आयोजन में इस वर्ष समाजसेवी कुंवर मासा, रामचंद्र बागोलिया व गोपाल बारोड़ को समर्पित कवि सम्मेलन में मदनमोहन समर, शांति तूफान, भुवन मोहिनी, दीपक पारिख, कर्नल हजारी हवलदार, शशिकांत यादव ने काव्य पाठ किया। सूत्रधार कवि अशोक भाटी थे। कवि सम्मेलन के दौरान समाजसेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वालों डॉ.एचपी सोनानिया और शैलेंद्र व्यास को मालवा रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। मालवा रत्न सम्मान से सम्मानित शैलेंद्र व्यास ने इस अवसर पर अपनी कविता से कहा कि
होली का संदेश सही है,
ऊंच-नीच में आग लगाओ।
गली-गली, चौराहे-चौराहे पर,
मुस्कुराहट के बाग लगाओ।।
उनके पश्चात भीलवाड़ा से आए दीपक पारीक ने बच्चों के भविष्य पर दो लाइन कहते हुए कहा कि-
अपने भविष्य के अक्षर अपने हाथों काले मत करो,
बच्चों को संस्कार दो, कम उम्र में मोबाइल के हवाले मत करो।
वहीं डॉ. भुवन मोहिनी ने होली खेलने के रंग पर कहा कि
रंगों से जीवन भर देंगे, एेसी होली खेलेंगे,
अपने सपनों को पर देंगे, एेसी होली खेलेंगे।
नंदगांव के कृष्ण बनो तुम, मैं बरसाने की राधा,
पूरे शहर को बृज कर देंगे, एेसी होली खेलेंगे।।
वहीं भरतपुर राजस्थान के पं. मेधश्याम ने दिल को छू लेने वाली पंक्तियों से कहा कि-
कोई गोरी एेसी मिल जाए, जो खेले मुझसे होली,
रंग मले गालों पर एेसे कि बन जाए रंगोली।
भीलवाड़ा के हास्य कवि राजेंद्र शर्मा को अपनी हास्य कविताओं से गुदगुदाया और कहा कि-
सात जनम तक संग मरने जीने की कसमें ले लें,
आओ डार्लिंग प्यार-प्यार खेलें।
उनके साथ ही मदनमोहन समर, शांतिलाल तूफान, कर्नल हजारी हवलदार, शशिकांत यादव व अशोक भाटी ने भी काव्य पाठ किया। आयोजन के लिए मंच को फूलों से सजाया गया था। वहीं एक बड़ी एलईडी स्क्रीन के पीछे भी कवि सम्मेलन का प्रसारण किया जा रहा था। कवि सम्मेलन के पश्चात मालीपुरा का होलिका दहन कवियों की उपस्थिति में किया गया।