पुलिस कंट्रोल रूम में सोमवार दोपहर २ बजे एडीएम आरपी तिवारी व एएसपी रूपेश कुमार द्विवेदी ने बस ऑपरेटरों के साथ बैठक की। बैठक में इंदौर-उज्जैन रोड सहित अन्य मार्ग के बस ऑपरेटर भी शामिल हुए। बैठक में ऑपरेटरों से कहा गया कि इंदौर रोड पर तेज रफ्तार में बसें दौड़ रही हैं। इससे यत्रियों की सुरक्षा खतरे में है। पिछले दो सड़क हादसों के पीछे भी बस की रफ्तार तेज होना है। ऐसे में बस ऑपरेटरों की जिम्मेदारी है कि वह इस रफ्तार पर अंकुश लगाएं। इसके लिए ड्राइवरों को बुलाकर समझाइश दें और उन्हें बताएं कि किसी भी हालत में तेज रफ्तार बस न चलाएं। वहीं ऑपरेटरोंं को अपने बस ड्राइवरों को सत्यापन करने के साथ ही बसों की फिटनेस भी दुरुस्त करने के लिए चेताया गया। एएसपी रूपेश द्विवेदी ने बताया कि बस ऑपरेटरों को बस स्टैंड पर भी समय के साथ वाहन निकालने और सड़कों पर बस खड़ी नहीं करने के लिए कहा गया। ऑपरेटरों को स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर कोई बस हादसा होता है या फिर ड्राइवर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते हुए मिलता है तो ऑपरेटरों पर भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं आपका परमिट भी निरस्त कर दिया जाएगा।
टोल नाके पर बसों को ज्यादा नहीं खड़े करने के निर्देश
बैठक में इंदौर फोरलेन टोल प्लॉजा के अधिकारियों को भी बुलाया गया था। इसमें टोल प्लॉजा के अधिकारियों से कहा गया कि वह टोल पर बसों को ज्यादा देर खड़ी नहीं करवाएं। हो सके तो बसों के लिए अलग से गेट की व्यवस्था करें। इसके अलावा टोल पर एंबुलेंस निकलने के लिए साइड की जगह को चौड़ा करें। फोरलेन के डिवाइडरों पर उगी झाडिय़ों की सफाई करवाएं ताकि सामने से दूसरी साइड भी दिखे। टोल पर किसी तरह विवाद न हो इसके टोल कर्मियों का पुलिस वेरिफिकेशन करवाएं।
ऑपरेटरों ने गिनाई अपनी समस्या
यात्रियोंं की सुरक्षा और बसों की धीमी रफ्तार को लेकर बुलाई बैठक में ऑपरेटरों ने भी अपनी समस्या गिनाई। ऑपरेटरों का कहना था तय संख्या से ज्यादा परमिट जारी कर दिए गए हैं। इससे समय से गाड़ी चलना मुश्किल होता है। नानाखेड़ा बस स्टैंड पर आए दिन यात्रियों को बैठाने से लेकर स्टैंड छोडऩे तक में विवाद होते हैं। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि इस विषय को वरिष्ठ अधिकारी के सामने रखेंगे। फिलहाल यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरी रखते हुए बस धीमे चलाएं।
पत्रिका ने उठाया मुद्दा, तो जागे जिम्मेदार
नानाखेड़ा बस स्टैंड पर बसों की अराजकता को लेकर पत्रिका ने सोमवार के अंक में १५० बस लगाती है रोजाना दो फेरे, सवारी बैठाने के लिए मिलते हैं तीन मिनट, इसलिए यात्रियों की जान से खेलते है ड्राइवर शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद ही पुलिस -प्रशासन के अफसर जागे। पत्रिका ने खबर में इंदौर रोड पर बसों की रश ड्राइविंग, स्टैंड पर जहां-तहां बसें खड़ी करने तथा खराब टायरों के साथ बस चलाने का मुद्दा उठाया था।
यह भी निर्देश दिए
– बसों में क्षमता से अधिक सवारी न बैठाए।
– बस में सवार यात्रियों से ड्राइवर व चालक अच्छा व्यवहार करें।
– बस ड्राइवर या चालक शराब या किसी तरह का नशा नहीं करें।
– पुल या पुलिया पर पानी होने की स्थिति में बस को पार न करें।
– बस में परमिट, लाइसेंस व फिटनेस सहित सभी दस्तावेज साथ रखें।
– बसों में स्पीड गर्वनर आवश्यक रूप से लगाएं ।
– टोल प्लाजा कर्मचारी रात्रि में रोड रिफलेक्टेड जेकेट पहने।