अर्धनग्न अवस्था में लाश मिली थी
सोमवार दोपहर मक्सी रोड स्थित साहेबखेड़ी तालाब के नहर में रलायता भोजा निवासी शांतिबाई (२५) पति स्व. सुरेश बागरी और बेटी निशा (६) की अर्धनग्न अवस्था में लाश मिली थी। भैरवगढ़ थाने में दर्ज २६ दिसंबर की गुमशुदगी के आधार पर दोनों की शिनाख्त शांतिबाई के भाई सुभाष ने की थी। घट्टिया थाना पुलिस ने मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। पिता शंकरलाल ने २६ दिसंबर को रात १० बजे दोनों की गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। शांतिबाई बेटी को लेकर घर से इंदिरा नगर स्थित बैंक से ३१ हजार रुपए निकलवाने के लिए निकली थी। शांतिबाई के पति की मौत करीब पांच वर्ष पहले सड़क दुर्घटना में हो गई थी। इसके बाद से ही वह मायके में रह रही थी। मायके में रहकर वह कालियादेह महल मार्ग स्थित मेहबूब (२६) पिता अजीज पटेल जो कि मिस्त्री का काम करता है, उसके साथ मजदूरी करती थी। बीते चार साल वह मेहबूब के संपर्क में थी। छह माह से दोनों में प्रेम संबंध हो गए थे। घट्टिया थाना प्रभारी जेआर चौहान ने बताया कि महिला का कुछ दिन से घर से अलग रहने की बात पर विवाद चल रहा था। हाल में उसका भाई सुभाष के साथ झगड़ा भी हुआ था। चूंकि पति की मौत हो चुकी थी। इसलिए हत्या के पीछे प्रेम संबंध की पड़ताल की गई। शांतिबाई पिछले चार साल से मेहबूब के संपर्क थी। इसलिए उससे सख्ती से पूछताछ करने पर उसने जुर्म कबूल लिया।
मकान के लिए निकाले थे रुपए
जांच अधिकारी एसआई घनश्याम बैरागी ने बताया कि महिला घर से बेटी और अपना आधार कार्ड, वोटर आईडी, बैंक पासबुक आदि लेकर निकली थी। उसने बैंक ने ३१ हजार रुपए निकाले, जिससे वह गांव में मकान बनाना चाहती थी। इसके बाद उसने फोन पर मेहबूब से संपर्क किया। मेहबूब बड़े भाई शेखर की मारुति वैन दो घंटे के लिए लेकर आया और शांतिबाई से मुलाकात की। इसके बाद दोनों साथ में घूमते रहे। शांतिबाई द्वारा शादी के दबाव बनाने पर मेहबूब उसे साहेबखेड़ी तालाब की नहर पर एकांत में लेकर गया। वहां उसे रात ४ बजे तक घर वापस भेजने के प्रयास करता रहा। लेकिन शांतिबाई नहीं मानी। इस पर उसने शांतिबाई की गला घोंट कर हत्या कर दी। बेटी निशा किसी को सच्चाई नहीं बता दे इसलिए उसे भी गला घोंटकर मार डाला।
एक हजार से भराई गैस, मजदूरी बांटी, बाकी रख लिए
हत्या के बाद शांतिबाई के पास रखे ३१ हजार में से एक हजार की मेहबूब ने सुबह वैन में गैस भराई। इसके बाद ७ हजार रुपए मजदूरी बांट दी। शेष रुपए उसने अपने पास रख लिए। बड़े भाई ने उसे अगले दिन गाड़ी लाकर देने और फोन नहीं उठाने के चलते डांट भी लगाई, जिस पर उसने गाड़ी खराब होने का हवाला देकर बात शांत कर दी।