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अभयारण्य में कैसे झगड़े का कारण बनी गौ, अब सुसनेर भेजी जाएगी

locationउज्जैनPublished: Sep 16, 2018 04:22:55 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

शहर से मवेशी पकडऩे का अभियान तेज करेगा निगम

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उज्जैन. रत्नाखेड़ी स्थित कपिला गोशाला से शनिवार को १८ वाहनों में नगर निगम ने २२७ गायों को सुसनेर के गो अभ्यारण्य भिजवाया। दिनभर कर्मचारियों ने गायों को वाहन में चढ़ाया और शाम को इन्हें सुसनेर के लिए पुलिस अभिरक्षा में रवाना किया। गौशाला में क्षमता से दोगुने पशु होने के चलते निगम यहां से गायों को अन्यत्र शिफ्ट करवा रहा है। कुछ माह पहले भी जिले की गोशालाओं में पशु भेजे गए थे। इधर पशु भेजने दौरान शाम करीब 7.30 बजे गोशाला प्रभारी विजय बाली व सहा. स्वास्थ्य अधिकारी पुरुषोत्तम दुबे में पशु छोडऩे की बात पर झूमाझटकी हो गई। अन्य कर्मियों ने बीच-बचाव किया।

गोशाला मेंं पशु ले जाने की कार्रवाई की भनक लगने पर कुछ पशु मालिक मौके पर पहुंच गए। इस बीच पशु छोडऩे जैसी आशंका में प्रभारी बाली व सहा. स्वास्थ्य अधिकारी दूबे में विवाद हो गया। दोनों के बीच झूमाझटकी हुई। बताया तो यह भी गया कि बाली ने दुबे को पहले चांटा रसीद कर दिया। जानकारी उपायुक्त योगेंद्र पटेल तक भी पहुंचीं। वे बोलें गलती पाई जाने पर संबंधित कर्मी पर अनुशासनत्मक कार्रवाई करेंगे। गोशाला खाली होने पर अब निगम पशु पकडऩे का अभियान तेज करेगा।

17 अगस्त को 120 पशु भेजे थे

इसके पहले निगम ने 17 अगस्त को कपिला गोशाला से 10 लोडिंग वाहनों में 120 पशु बडऩगर, खाचरौद की गोशालाओं में भेजे थे। तब जिला प्रशासन के समन्वय ने निगम ने गायों को शिफ्ट किया था। उसी दौरान पशुओं की संख्या अधिक होने से कई गाय गौशाला में मर भी गई थी। इनके शव तीन से चार दिन गोशाला में ही पड़े रहे थे।

त्यौहारों के सीजन में भी बुरी स्थिति
गणेशोत्सव के साथ ही दो माह दीपावली तक उत्सवों की धूम रहेगी। त्यौहारों का सीजन शुरू होने के बाद भी सड़कों पर आवारा मवेशियों का कब्जा है। जाम के साथ ही यह मवेशी दुर्घटना का कारण भी बन रहे है। निगम प्रशासन इन पर कार्रवाई के लिए पूरी तरह से नाकाम रहा है।

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